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सूदखोर से तंग आकर पैथॉलॉजी संचालक ने दी जान, सुसाइड नोट में लिखा- ‘परिवार से बहुत प्यार करता हूं, बच्चों का ध्यान रखना’

सूदखोर की धमकियों से तंग पचोर के पैथॉलोजी संचालक ने ब्यावरा के एक होटल में जहर खाकर जान दे दी। पुलिस को मृतक के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला, जिसमें लिखा था...।

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सूदखोर से तंग पैथॉलॉजी संचालक ने दी जान, सुसाइड नोट में लिखा- 'परिवार से बहुत प्यार करता हूं, बच्चों का ध्यान रखना'

राजगढ़/ब्यावरा। सूदखोर की धमकियों से तंग पचोर के पैथॉलोजी संचालक ने ब्यावरा के एक होटल में जहर खाकर जान दे दी। वो एक दिन पहले ही आकर होटल में रुका। सोमवार सुबह युवक बाहर नहीं निकला तो स्टाफ ने गेट खोलकर देखा। युवक के मुंह से झाग निकल रहा था और नजदीक ही कीटनाशक की बोतल पड़ी थी। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

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जांच में जुटी पुलिस टीम

जानकारी के अनुसार, 40 वर्षीय नारायणसिंह पिता कंवरलाल नागर निवासी हरलाई पचोर में पैथालॉजी संचालक चलाता था। वो पहले भी अपने कामकाज और दोस्तों के साथ इसी होटल में रुकता रहा था। पुलिस और एफएसएल टीम ने सूचना के बाद मौके पर पहुंचकर जांच की। पुलिस को मौके पर सुसाइड नोट मिला है, जिसमें लिखा था कि, 'मैं परिवार से बहुत प्यार करता हूं, मेरे बच्चों का ध्यान रखना।' मृतक ने अपने हाथ पर भी पेन से यही बात लिखीं। पीएम के बाद पुलिस ने शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया।


जिलेभर में सक्रीय हैं सूदखोर

थाना प्रभारी राजपाल सिंह राठौर ने बताया कि, मामला दर्ज करने के बाद सूदखोरी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। गौरतलब है कि, जिले भर में सूदखोर सक्रिय हैं, जिनकी प्रताड़ना के कई लोग शिकार हो रहे हैं। कई लोगों की जान पर बन आई है। हाल में शहीद कॉलोनी निवासी युवक सूदखोरी से ही तंग आकर जान देने रेलवे ट्रेक पर चला गया, जिसे समय रहते बचा लिया गया।


बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल

मृतक पैथॉलॉजी संचालक नारायण सिंह का एक बेटा और तीन बेटियां हैं। 10 साल का बेटा रौनक, 14 साल की बेटी प्रियांशी, 18 साल की बेटी पलक, 20 साल की भावना है। 3 मई को बड़ी बेटी भावना की शादी की थी। सूचना मिलने के बाद चारों बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। नारायण की पत्नी गृहिणी है। मां है और पिता की मौत हो गई। परिवार में बड़ा भाई है और उसका परिवार है। ऐसे में परिवार पर आर्थिक संकट आ गया है। परिजन का कहना है कि, वो हालही में दोस्तों के साथ ब्यावरा शहर गए थे।

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सुसाइड नोट में लिखा किसकी वजह से की आत्महत्या

सिर्फ और सिर्फ मेरी मौत का जिम्मेदार हरीश कुमार भारतीय (राजेश भारतीय निवासी पचोर) है। ये बहुत बड़ा ब्याजखोर है, पहले भी इसके कारण एक व्यक्ति जहर खाकर मर चुका है, मैं भी इसके कारण ही जान दे रहा हूं, इसे तो फांसी होना चाहिए। मैं मेरे परिवार से बहुत प्यार करता हूं। भाई फूलसिंह मेरे बच्चों का ध्यान रखना। मेरे समधी (ब्याईजी) दिनेश नागर खोड़िया खेड़ी वाले बहुत अच्छे व्यक्ति हैं। मुझे माफ करना मैं आपसे आप बीती बयान नहीं कर पाया, लेकिन आज से मेरी बेटियां आपकी बेटियां हैं, आप ध्यान रखना। उनका संबंध (सगाई-शादी) करवाना। मुझे किसी का कर्ज नहीं देना, मुझे राजेश भारतीय ने फंसा रखा है।


व्यापक स्तर पर सूदखोरी का खेल

जिले में ब्याज पर मोटी रकम देकर मनमाना ब्याज (5, 10, 15 और 40 प्रतिशत तक) वसूलने का खेल व्यापक स्तर पर चल रहा है। इसमें प्रभावी और रसूखदार लोग ऐसे लोगों को शिकंजे में लेते हैं, फिर फंसा लेते हैं। इसके बाद उनसे ब्याज ही इतना ले लिया जाता है कि मूलधन कम ही नहीं हो पाता। इन पर अंकुश लगाने कुछ साल पहले कलेक्टर-एसपी ने 29 लोगों की सूची जारी की जो शासन की दर पर ब्याज पर रुपए दे सकते है। इसके बावजूद शहर सहित जिलेभर में यह गोरखधंधा जोरों से चल रहा है।

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झांसे में न आए... बचने के लिए ये करें

एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि आमतौर पर ऐसे लोगों से रुपए लेने से बचें, उनकी चपेट में आए ही नहीं। कोशिश करें कि शासकीय बैंक, गैर बैंकिंग वित्तीय संस्थान और रजिस्टर्ड कंपनियों, ग्रामीण बैंक से ही लोन लें और समय से चुकाएं। साथ ही किसी भी प्रकार से खाली पन्ने पर हस्ताक्षर न करें, हर बार ब्याज देते समय हिसाब रखें कि मूलधन कम हो रहा या नहीं? किसी भी प्रकार की लेन-देन करते समय वकील या वरिष्ठ परिजनों से बात जरूर करें, हर किसी के झांसे में न आएं। फिर भी यदि कोई कहीं फंस जाए तो संबंधित थाने, पुलिस से संपर्क करें उन्हें मुफ्त विधिक सहायता मिलेगी।

सूदखोर अधिनियम, प्रताड़ना का केस दर्ज

एसपी प्रदीप शर्मा ने ये भी बताया कि, अवैध तौर पर सूदखोरी करने वालों पर मप्र सूदखोर अधिनियम के तहत केस दर्ज किया जाता है। जिले में ही कुछ ही लोग इसके लिए अधिकृत है बाकियों की जांच कर कार्रवाई करेंगे। ब्यावरा में युवक की मौत के मामले में सुसाइड नोट की जानकारी के आधार पर प्रताड़ित करने वालों पर केस दर्ज किया गया है।

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