
Constable Suicide Case: पुलिस विभाग में आरक्षक संवर्ग की भर्ती परीक्षा के बीच धांधली होने की शिकायत के बाद आरक्षक अनिल कुमार पिता चैतराम रत्नाकर की खुदकुशी मामले ने पूरी प्रक्रिया को सवालों के घेरे में ला दिया है। आरक्षक ने सुसाइड करने के साथ हाथ में कलाई में कर्मचारियों को फंसाने और अफसरों को बचाने की बात लिखकर खुलासा किया है कि भर्ती प्रक्रिया में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा हो रहा था।
अब इस पूरे मामले की जांच के लिए आईजी दीपक कुमार झा ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया है। यह टीम हर एंगल से बारीकी से जांच कर साक्ष्य संग्रह कर विधिवत कार्रवाई करते हुए 10 दिन के भीतर जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगी।
इन्हें मिला है जांच का जिम्मा: थाना लालबाग क्षेत्र के ग्राम रामपुर के पास मिले आरक्षक के शव के मामले में आईजी ने मर्ग जांच के लिए विशेष जांच टीम गठित करते हुए स्पष्ट किया है कि आरक्षक भर्ती में धांधली करने वाले अन्य आरोपी भी बख्शे नहीं जाएंगे।
एएसपी मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी देवचरण पटेल के नेतृत्व में यह जांच होगी। एसडीओपी बोड़ला कबीरधाम अखिलेश कौशिक, अंबागढ़ चौकी टीआई निरीक्षक अश्विनी राठौर, साइबर सेल से एएसआई द्वारिका प्रसाद लाउत्रे सहित कुल चार अधिकारी जांच करेंगे।
Constable Suicide Case: लालबाग थाना क्षेत्र के रामपुर में खेत में फंदे से लटकता आरक्षक अनिल रत्नाकर की लाश पाई गई थी। सुसाइड करने से पहले हाथ में कुछ नोट्स लिखा गया था जी जिसमें उन्होंने आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में धोखाधड़ी और धांधली की बात कहते हुए नोट्स में कहा कि इस धांधली और घोटाले में विभागीय अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं लेकिन बड़े अधिकारीयों द्वारा छोटे कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है। इस मामले में अब राजनीती भी गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ साथ कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने भी सरकार पर हमला बोला है और जांच की मांग की थी।
Updated on:
23 Dec 2024 11:29 am
Published on:
23 Dec 2024 11:28 am
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