जोशीलमती स्थित आदिम जाति सोसाइटी में पदस्थ समिति प्रबंधक के खिलाफ पिछले साल कई तरह की अनियमितता की शिकायत सामने आई थी। मामले की जांच में शिकायत सही पाए जाने पर संबंधित समिति प्रबंधक को निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद क्षेत्र के किसान शांत हुए थे।
अब समिति प्रबंधक को चोरी-छिपे फिर से बहाल कर वहीं पदस्थ करने की तैयारी चल रही थी, जैसे ही इस मामले की भनक क्षेत्र के किसानों को लगी, वे फिर एक बार लामबंद होते हुए मोर्चा खोल दिए। पिछले दिनों कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर बहाल नहीं करने की मांग करते हुए 30 नवंबर को चक्काजाम करने चेतावनी दी थी।
सैंकड़ों किसान हुए थे एकत्रित जोशीलमती सोसाइटी अंतर्गत जोशीलमती, गर्रापार, खोराटोला, कोलियारी, कोलिहा लमती, पठानढ़ोड़गी, दतरेंगा टोला, हर्रा टोला, केसाल, मावलीचुवा, दैहान आदि गांव के किसान आते हैं, जो कृषि संबंधी रबी एवं खरीफ सीजन का खाद, बीज नकद लेनदेन समिति से करते हैं। सभी गांव के सैंकड़ों किसान गांव के चौराहे पर चक्काजाम कर दिए थे। आक्रोशित किसान निलंबित समिति प्रबंधक को बर्खास्त करने की मांग कर रहे थे।
धान खरीदी भी रही प्रभावित गुुुरुवार को धान बेचने आए किसान भी ट्रैक्टर को सड़क पर रखकर चक्काजाम में शामिल हुए। इसके चलते सोसाइटी में सुबह से धान खरीदी भी प्रभावित रही। हालांकि चक्काजाम समाप्त होने के बाद जिन किसानों ने धान बेचने टोकन लिया था, उनसे धान की खरीदी की गई। किसान हिरेंद्र साहू सहित अन्य ने बताया कि समिति प्रबंधक पद पर रहते हुए किसानों को जीवन बीमा करवाने के लिए दबाव बनाते थे। उन पर फर्जी ढंग से समिति की राशि निकालने का आरोप लगा था।इसके अलावा कई तरह से किसानों को परेशान कर रुपए ऐंठने का काम करते थे। इससे किसान बेहद परेशान थे। इन सभी बिंदुओं पर मिले शिकायत की जांच में प्रबंधक दोषी पाए गए थे।
जांच कराई जा रही जोशीलमती सहकारी सोसाइटी के अंतर्गत आने वाले किसान अपनी मांगों को लेकर गुरुवार को चक्काजाम किए थे। किसानों से चर्चा करने सहकारी निरीक्षक गए थे। जांच प्रतिवेदन मिलने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।पूरा मामला क्या है। किसान क्या चाहते हैं, उस आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।डॉ. शिल्पा अग्रवाल उप पंजीयक सहकारी संस्थ