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जब सरकार ने नहीं सुनी तो किसानों ने ये बड़ा काम करके दिखाया आईना…

स्वयं के खर्च व श्रमदान से बनाया स्टाप डेम

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तैयार... ग्राम दैहान में ग्रामीणों ने श्रमदान से तैयार किया स्टापडेम।

राजनांदगांव / छुरिया. छुरिया ब्लाक के ग्राम दैहान के किसान सालों से सिंचाई के लिये स्टाप डेम की मांग करते रहे, लेकिन शासन-प्रशासन के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों ने जब उनकी मांग को अनसुना कर दिया तो वे स्वयं अपने खेत तक पानी पहुंचाने का निर्णय लिया। समिति बनाकर तन, मन, धन लगाकर नाला में स्टाप डेम का निर्माण कर जनप्रतिनिधियों को आईना दिखा दिया।

ग्रामीणों ने की थी अधिकारियों से मांग
ज्ञात हो कि ग्रामीणों ने श्रमदान व धन दान देकर पक्का स्टाप डेम बनाया है जिसमें अभी आर्थिक कमी के कारण गेट नही लग पाया है। ग्रामीणों ने पांच गेट वाले स्टाप डेम की गेट में बोरी में रेत भरकर पानी संचय कर लगभग 200 एकड़ खेत में पानी पहुंचाने में सफल हुए है। दैहान के किसानों की एकता व जज्बा ने सरकार व जनप्रतिनिधियों को ये जता दिया कि उनके हौसले आज भी बुलंद है।

दैहान के किसान प्यारी साहू, अगहन सिन्हा, रामअवतार सिन्हा, मनी यादव, राधे यादव, रामविलास सिन्हा, देवारू सिन्हा व अन्य किसान स्टाप डेम निर्माण के लिये कलक्टर, एसडीएम से मिलकर स्टाप डेम बनाने मांग किया मगर इनकी मांगों को अनसुना कर दिया गया।

किसानों को सिंचाई के लिये अपने धान बेचकर लगभग 3 लाख खर्च कर व अपना श्रमदान कर अपने खेतों की सिंचाई की व्यवस्था बनाई है। शासन प्रशासन के अधिकारियों व जनप्रतिनिधि किसान हितैषी होने का ढिंढोरा पीटते है किंतु यहां उनकी कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लग रहा हैं।

सिंचाई साधन नहीं होने से किसान परेशान
सिद्दीक मेमन ने आरोप लगाया है कि छुरिया ब्लाक के ज्यादातर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा नही होने से फसल कम होने के कारण गरीब किसानों को हर साल अकाल का सामना करना पड़ता है। ग्राम दैहान के किसान बिना सरकारी मदद के धान बेचकर पांच गेट वाला जो स्टाप डेम बनाया है, सिंचाई विभाग इसे 20 लाख रूपया में बनाते वो भी गुणवत्ता विहीन बनता।

सिंचाई विभाग साल दर साल नहरों की मरम्मत के नाम करोड़ो रूपया फूंक रहे है लेकिन क्षेत्र मे जहां सिंचाई की जरूरत है कभी सर्वे कर योजना नही बनाते। अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को दैहान के किसानों की साहस से सीख लेकर डेम में गेट लगाने में सहयोग करना चाहिये। मेमन ने शासन प्रशासन से डेम का मेजरमेंट करवा कर किसानों को खर्च राशि भुगतान करने की मांग की है।