CG News: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में पेंड्री स्थित शासकीय मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ई-पाठशाला के तीसरे चरण में पेशेवर डॉक्टर, मेडिकल शिक्षक व छात्रों को सर्पदंश के पीड़ितों के इलाज के संबंध में विशेषज्ञों ने जानकारी दी। इस दौरान सांप के जहर का प्रकार, इससे पीड़ित में लक्षण व आपातकाल ट्रीटमेंट के बारे में बताया। सर्पदंश से पीड़ित की शुरुआती जांच व इलाज से लेकर किस तरह की सावधानी बरती जानी हैं, विस्तार से बताया गया।
ई-पाठशाला के तीसरे चरण में मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर व एचओडी डॉ. प्रकाश खूंटे ने ऑनलाइन क्लास से जुड़े 150 से अधिक पेशेवर डॉक्टर, मेडिकल के शिक्षक व मेडिकल कॉलेज के अध्यनरत छात्रों को सांप के काटने पर मरीज को कैसे बचाया जाए, इस पर अपना अनुभव साझा करते हुए और भी इलाज संबंध अन्य जरूरी बातें बताई। उपचार और प्रोटोकॉल की जानकारी दी।
आम तौर में बरसात के मौसम से जमीन के नीचे रहने वाले जहरीले कीड़े-मकोड़े बाहर आ जाते हैं। इसमें सांप भी ऐसे ही हैं, जो बारिश के दिनों में बिल से बाहर आकर विचरण करते रहते हैं। यही कारण है कि इसी मौसम में सबसे ज्यादा सर्पदंश की शिकायत आती है।
ई-पाठशाला की अध्यक्षता आईएमए छत्तीसगढ़ के पूर्व अध्यक्ष डॉ. शरद पाटनकर और राजनांदगांव के मुय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नेतराम नवरतन ने की। आयोजन में मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. पंकज मधुकर लुका, हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ. अतुल मनोहर राव देशकर, मेडिकल कॉलेज भिलाई के डीन डॉ. प्रकाश वाकोड़े, अभिषेक मिश्रा, डीन डॉ.अनिल शेरके शामिल रहे।
Published on:
05 Jul 2025 03:08 pm