
महिला BMO के सरकारी क्वार्टर में चल रहा गंदा काम, तहसीलदार ने मारा छापा, नजारा देख रह गए हैरान
राजनांदगांव/सड़क चिरचारी. जिले के छुरिया बीएमओ (ब्लाक स्वास्थ्य अधिकारी) डॉ. किरण चांदेकर के सरकारी आवास में तहसीलदार शिवकंवर ने छापामार कार्रवाई करते हुए बड़ी मात्रा में एक्सपायरी दवाओं को बरामद किया है। यहां एक्सपायरी दवाओं के रेपर को निकालकर दूसरा रेपर लगाने का गोरखधंधा चल रहा था। भारी मात्रा में एक्सपायरी दवाओं को जब्त कर पंचनामा बनाते हुए कमरे को सील कर दिया गया है। मीडिया की शिकायत पर तहसीलदार छुरिया बीएमओ के सरकारी आवास पहुंचे, तो यहां चल रहे काम को देखकर वे भी दंग रहे गए। (Rajnandgaon news)
छानबीन व पूछताछ में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। यहां एक्सपायरी दवाओं को प्लास्टिक बाल्टी में डुबाकर रेपर को भिगाया जा रहा था। इसके बाद रेपर को बड़े सफाई से निकाला जा रहा था। करीब ९० डिब्बों को रेपर बदला जा चुका था। सभी दवाओं को जब्त कर कमरे को सील कर दिया गया है। इसका खुलासा होने के बाद बीएमओ ने दवाइयों को डिस्पोज करने का बहाना बनाया है, लेकिन जब डिस्पोज करना है, तो रेपर निकलवाने की क्या जरूरत है।
अफसरों की लापरवाही उजागर
पूरे ब्लाक के अस्पतालों में बंटवाने के लिए भेजी गई सरकारी दवाई अफसरों की लापरवाही के कारण छुरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में रखे-रखे कालातीत हो गई। इसके बाद इन दवाओं का रेपर बदलने का गोरखधंधा चल रहा था। इससे पहले भी छुरिया में बड़ी मात्रा में दवाई एक्सपायर होने का खुलासा हुआ था। (Rajnandgaon new)
इन दवाइयों का मिला है जखीरा
इन पूरी दवाओं को सरकारी गाड़ी क्रमांक सीजी ०२ ४१९२ से लाया गया था। जब्त की गई दवाइयों में रेपर निकला हुआ ९० नग वेसलीन पेट्रो जेली, पांच पेटी (८० नग) वेसलीन, एक बाल्टी में टेबलेट का घोल, ८ पेटी अलग-अलग प्रकार की दवाई व एक पेटी हाइड्रोजन पैराक्साइड बरामद की गई है।
किया जा रहा था दवाईयों को नष्ट
बीएमओ छुरिया ब्लाक डॉ. किरण चांदेकर ने कहा कि एक्सपायर हो चुकी दवाइयों को डिस्ट्राय करने के लिए भिजवाए थे। जैली का डिब्बा दूसरे उपयोग में आ जाए इसलिए उसे खाली कराया जा रहा था। दवाइयों को जमीन में दबाने के लिए जेसीबी बुलाई जा चुकी थी। सभी जगह एक्सपायरी दवाई निकलती है, उसे डिस्ट्राय किया जाता है। सीएमएचओ डॉ. मिथलेश चौधरी ने बताया कि एक्सपायरी दवाइयों को नष्ट करने की तैयारी थी, प्लास्टिक के डिब्बे को आग न लगाकर उपयोग हो जाए। इसलिए खाली किया जा रहा था। फिर भी पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। तीन दिनों में रिपोर्ट आ जाएगी।
मिले यह साक्ष्य
सरकारी बंगले के आसपास ही कुछ दवाइयों को जलाने के साक्ष्य भी मिले हैं। इन दवाइयों को पेड़-पौधों के पास जलाया गया है। इससे कुछ पेड़ पूरी तरह झुलस गए हैं। इस तरह दवाई व रेपरों को जलाने या डिस्पोज करने में भारी लापरवाही बरतते हुए पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का काम किया गया है। इससे पहले भी छुरिया अस्पताल में सप्लाई होने वाली दवाई को जंगल की ओर लापरवाही पूर्वक फेंकने का खुलासा हुआ था। (Rajnandgaon news)
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Published on:
23 Jun 2019 04:20 pm
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