CG News: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में फुलझर स्थित न्यू लुक बायो यूल केमिकल फैक्ट्री प्रबंधन की मनमानी के खिलाफ अब सती शुरू हो गई है। जल संसाधन विभाग ने शुक्रवार को जलाशय में बनाए गए लोहे के स्ट्रक्चर के साथ ही बिछाए गए पाइप को जेसीबी से उखाड़ दिया। कंपनी को जल संसाधन विभाग ने दो नोटिस जारी किया था पर पाइप को हटाया नहीं गया था।
इसके चलते सती के साथ पाइप लाइन को उखाड़ फेंका गया। इसी तरह लोक निर्माण विभाग ने भी फैक्ट्री प्रबंधन को नोटिस जारी कर खोदाई का काम रोकने कहा है। वहीं शनिवार को क्षेत्र के 10 से 12 गांव के ग्रामीण फैक्ट्री के सामने धरना देने की तैयारी में हैं। ग्रामीण जलाशय से पानी नहीं देने के साथ ही रिश्वतखोरों का नाम उजागर करने की मांग करेंगे।
फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से मनमानी करते हुए बिना कोई परमिशन के जलाशय से पानी लाने के लिए पाइप लाइन बिछाई जा रही थी। सड़क खोदने के साथ ही जलाशय में मशीन रखने के लिए बकायदा लोहे का इस्ट्रक्चर तैयार कर लिया गया था। क्षेत्र के किसान लगातार विरोध कर रहे थे पर फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से स्थानीय कुछ पंचायत प्रतिनिधियों को रिश्वत देकर काम जारी रखा गया।
बिना अनुमति पाइप बिछाने से नाराज आसपास के ग्रामीण शनिवार को फैक्ट्री के सामने धरना में बैठेंगे। ग्रामीण इस दौरान रिश्वत लेने वाले नेताओं का नाम सार्वजनिक करने के साथ ही पाइप को हटाने की मांग करेंगे। क्षेत्र के किसान जलाशय से पानी नहीं देना चाह रहे हैं। खबर हैै कि विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने ग्रामीणों की मांग पर मुहर लगाई है। वहीं अफसरों को पाइप लाइन हटाने के निर्देश दिए थे।
जल संसाधन विभाग ने पहले अनुमति दी थी पर विरोध होने पर रद्द कर दिया गया पर पीडब्ल्यूडी ने आंख बंद कर सड़क खोदने की अनुमति दे दी। अब जल संसाधन विभाग की सती के बाद पीडब्ल्यूडी के अफसर घिरते नजर आ रहे हैं। पीडब्ल्यूडी के ईई एसके चौरसिया का कहना है कि कंपनी ने शर्तों का पालन नहीं किया है। इसलिए नोटिस दिया गया है। जरूरत पड़ी तो जल संसाधन विभाग की तरह कार्रवाई करेंगे।
इस संबंध में हाल ही में एक ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों को लाखों रुपए दिए जाने की बात सामने आई। इसके बाद से फैक्ट्री प्रबंधन के साथ ही स्थानीय पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं।
ग्रामीणों की ओर से कलेक्टर के समक्ष शिकायत की मामले की जांच करने की भी मांग की गई हैै। जल संसाधन विभाग के ईई नीलेश रामटेके ने बताया कि कंपनी प्रबंधन को दो बार नोटिस दिया गया था। पाइप लाइन को नहीं हटाया गया। इसलिए जलाशय के आसपास बिछे पाइप के साथ ही इस्ट्रक्चर को हटा दिया गया है।
Updated on:
05 Jul 2025 02:52 pm
Published on:
05 Jul 2025 02:51 pm