इन्डोर स्टेडियम व कार्यालय में जितनी भी खिड़कियों लगी, उसके सभी कांच तोड़ डाले। इसके अलावा दोनों भवनों के मुख्य द्वार के ताले, बल्ब, ट्यूबलाइट, नल, पाइप लाइन, पंखे, स्वीच बोर्ड, तार भी चोरी हो गए। दोनों भवनों के शौचालय में लगे कांच, डब्ल्यूसी को भी तोड़ डाला। यहां तक दरवाजे, खिडक़ी व दीवारों से भी तोडफ़ोड़ कर दी।
इन्डोर स्टेडियम का निर्माण एक वर्ष पहले ही हो गया, मगर आरएसआरडीसीएल, नगरपषिद व खेल महकमे के बीच आपसी तालमेल के अभाव में उक्त भवन के हस्तान्तरण की कार्रवाई अटकी पड़ी है। इसके चलते भवन में चोरी, तोडफ़ोड़ जो हुई है, उसका खमियाजा अब संवेदक को ही भुगतना पड़ेगा। क्योंकि संवेदक द्वारा भवन निर्माण के बाद सुरक्षा प्रबंध भी नहीं किए।
राष्ट्रीय जन चेतना मंच संयोजक भगवत शर्मा ने इन्डोर स्टेडियम की दुदर्शा व तोडफ़ोड़ को लेकर जिला कलक्टर, नगरपरिषद आयुक्त से लेकर उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी तक को शिकायत की। फिर भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई। इसी तरह गिरजाशंकर पालीवाल, मांगीलाल पालीवाल, जयकिशन माली, गोपालप्रसाद नंदवाना, शंकर भाटी ने भी इन्डोर स्टेडियम में तोडफ़ोड़ व चोरी हुए संसाधनों को लेकर नगरीय निकाय, प्रशासन के प्रति आक्रोश जताया।
इन्डोर स्टेडियम बनकर तैयार हो गया, जिसका अभी हस्तान्तरण नहीं हुआ। अगर तोडफ़ोड़ हुई है, तो संवेदक डाया कॉर्पोरेशन से तत्काल दुरुस्त करवाया जाएगा। मैंने हाल ही ज्वाइन किया है और अब भवन हस्तान्तरण की कार्रवाई जल्द की जाएगी।
मोहनलाल नायक, अधिशाषी अभियंता राजस्थान राज्य सडक़ विकास एवं निर्माण निगम उदयपुर