scriptश्रीनाथजी मंदिर: दर्शन के नाम पर मोल-भाव का खेल, 500 रुपए तक की कर रहे वसूली! | Shrinathji Temple: Bargaining in the name of darshan, charging up to 500 rupees! | Patrika News
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श्रीनाथजी मंदिर: दर्शन के नाम पर मोल-भाव का खेल, 500 रुपए तक की कर रहे वसूली!

श्रीनाथजी की नगरी में लबे समय से लपका गिरोह सक्रिय है। श्रद्धालुओं के मंदिर के बाहर चौक में पहुंचते ही लपके उनके पास पहुंच जाते हैं और फिर होता है दर्शन कराने के नाम मोल-भाव खेल, जबकि मंदिर मंडल की ओर से वीआईपी दर्शन के लिए 350 रुपए की रसीद काटने की व्यवस्था कर रखी है।

राजसमंदJun 10, 2024 / 03:42 pm

Kamlesh Sharma

Shrinathji Temple Nathdwara
हिमांशु धवल/राजसमंद। श्रीनाथजी की नगरी में लबे समय से लपका गिरोह सक्रिय है। श्रद्धालुओं के मंदिर के बाहर चौक में पहुंचते ही लपके उनके पास पहुंच जाते हैं और फिर होता है दर्शन कराने के नाम मोल-भाव खेल, जबकि मंदिर मंडल की ओर से वीआईपी दर्शन के लिए 350 रुपए की रसीद काटने की व्यवस्था कर रखी है।
श्रीनाथजी के दर्शन के लिए प्रतिदिन 8 से 10 हजार वैष्णवजन नाथद्वारा आते हैं। अवकाश के दिनों में इनकी संख्या और बढ़ जाती है। श्रद्धालु जैसे ही मोती महल के बाहर पहुंचता है, वहां पर पहले से मौजूद लपके उनके पास पहुंच जाते हैं। लपके श्रद्धालु को बताते हैं कि दर्शन के लिए लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई है। काफी समय भी लगेगा। इससे पहले जो दर्शन हुए उसमें सैकडों लोग दर्शन से वंचित रह गए।
ऐसे में श्रद्धालु लपकों की बातों में आ जाते हैं। इसके बाद लपका मोल-भाव करता है। लपकों के हौंसले इतने बुलंद है कि वह श्रद्धालुओं को सीधे ठाकुरजी के समुख ले जाकर खड़ा करने की बात कहते हैं। इसके बदले में 350 से 500 रुपए प्रति व्यक्ति के वसूलते हैं। बातचीत होने लपका किसी अन्य साथी के साथ वैष्णवजन को दर्शन के लिए रवाना कर देता है।

पहनावे और बोल-चाल से लगते मंदिर के कर्मचारी

वैष्णवजनों को दर्शन कराने के नाम पर लूटने वाले लपके पहनावे, बोल-चाल और व्यवहार से मंदिर मंडल के कर्मचारी लगते हैं, जबकि ऐसा होता नहीं है। लपके बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को भांप लेते हैं और उनके पास पहुंच जाते हैं। इसमें कई बुजुर्ग श्रद्धालु इनके झांसे में आ जाते हैं। कई बार यह वैष्णवजन को भ्रमित भी करते हैं।

केस 1 : डायरेक्ट ले जाएंगे अंदर, कोई नहीं रोकेगा

रिपोर्टर के चौक में कुछ आगे बढ़ते ही सुरेश (बदला हुआ नाम) नामक युवक हमारे पास आता है। वह कहता है कि दर्शन के लिए लबी लाइनें लगी हुई है, हम आप दोनों को दर्शन के लिए डायरेक्ट अंदर ले जाएंगे, वीआई में तो चार्ज देना पड़ेगा, लेकिन हम आप दोनों को 100-100 रुपए में अच्छे से दर्शन करा देंगे। इसके साथ ही वह कहता है कि दर्शन कुछ ही देर में बंद होने वाले है, सुबह भी कई लोग दर्शन से वंचित रह गए हैं।

केस 2 : बिना टिकट सीधे अंदर 500 रुपए लगेंगे

राजस्थान पत्रिका के रिपोर्टर के मंदिर के बाहर चौक में पहुंचते ही रमेश (बदला हुआ नाम) नामक युवक पास आता है। वह आते ही वीआईपी दर्शन में प्रत्येक व्यक्ति का 550-550 रुपए लगने की बात कहता है। युवक कहता है कि आप लोगों को बिना टिकट के अंदर दर्शन करा देंगे। वीआईपी में तो समय लगेगा। पूरा मंदिर भी घूमा देंगे आप दोनों के 500 रुपए लगेंगे। इस पर हम अन्य साथियों को लेकर आने की बात कहकर हम वहां से चल देते हैं।

लपकों ने पिछले साल जिला कलक्टर को नहीं छोड़ा

पिछले साल अगस्त माह में तत्कालीन जिला कलक्टर नीलाभ सक्सेना श्रीनाथजी की राजभोग झांकी के दर्शन करने नाथद्वारा पहुंचे। इस दौरान उनकी गाड़ी न्यू कॉटेज परिसर में खड़ी हुई और वह पैदल ही चौपाटी क्षेत्र की ओर बढ़ रहे थे कि वहां एक लपके ने उनसे ही पूछ लिया कि वीआईपी दर्शन करवा दूं क्या? 50 रुपए लगेंगे, जिला कलक्टर ने कुछ पल के लिए लपके की ओर देखा ही था कि पीछे से आ रहे उनके गार्ड ने युवक को टोक दिया। चौपाटी पर मौजूद पुलिसकर्मी ने युवक को पकड़ लिया और थाने ले गए।

मंदिर मंडल को यह करना चाहिए

मंदिर मंडल की ओर से लपकों से सावधान के जगह-जगह बोर्ड लगाए जाने चाहिए

नाथद्वारा में प्रवेश से लेकर मंदिर तक जानकारी के बोर्ड अथवा होर्डिग्स लगाए जाने चाहिए
वीआईपी दर्शन के संबंध में प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए, जिससे लपके सक्रिय न हो

मुय जगहों पर कैमरे लगवाकर लपकों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सत कार्रवाई करें

मंदिर मंडल को वैष्णवजनों से फीडबैक लेकर व्यवस्थाओं में सुधार के प्रयास करने चाहिए

वीआईपी दर्शन के लिए राशि निर्धारित, लपकों पर करेंगे कार्रवाई

मंदिर मंडल की ओर से वीआईपी दर्शन के लिए 350 रुपए निर्धारित कर रखे हैं। इसके लिए ऑनलाइन सुविधा के साथ काउंटर भी बनाए गए हैं। इसके अलावा वीआईपी दर्शन अथवा ठाकुरजी के समुख दर्शन के नाम पर झांसा देकर कोई पैसा लेता है तो वह गलत है। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इनका मंदिर मंडल से कोई लेना देना नहीं हैं।
महिपाल भारद्वाज, सीईओ मंदिर मंडल नाथद्वारा

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