
महाराणा राजसिंह पैनोरमा का मुख्यद्वार एवं आस-पास उखड़ा प्लास्टर
राजसमंद. मेवाड़ के गौरवशाली इतिहास से रू-ब-रू कराने वाला महाराणा राजसिंह पैनोरमा अनदेखी का शिकार हो रहा है। स्थिति यह है कि दीवारों से प्लास्टर उतर गया है, वहीं साफ-सफाई के पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। इसके साथ ही प्रचार-प्रसार के अभाव में पैनोरमा में बामुश्किल पूरे दिन में नाममात्र के लोग आते हैं। इसके कारण अधिकांश समय पैनोरमा खाली पड़ा रहता है। शहर के नौ-चौकी पाल पर राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण की ओर से बनाए गए महाराणा राजसिंह पैनोरमा का लोकार्पण तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 4 अगस्त 2018 में किया था। पैनोरमा में महाराणा प्रताप के वंशजों की जानकारी दी गई है। इसमें उनके द्वारा किए गए वीरतापूर्ण कार्य, ऐतिहासिक, सामाजिक उत्थान आदि के बारे में विस्तार से बताया गया है। इससे यहां पर आने वाले पर्यटक रटेच्यू को देखकर और यहां पर लिखे इतिहास को पढकऱ इतिहास जान सकते हैं। इसके बावजूद पैनोरमा के रख-रखाव पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। दीवारों से प्लास्टर उतर रहा है। जगह-जगह गंदगी का फैली हुई है। पैनोरमा में बनी खिड़कियों से पक्षियों की आवाजाही होने से स्थिति विकट हो रही है। इसके बावजूद इस और ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
पैनोरमा सिर्फ ठेकेदार के कार्मिक के भरोसे संचालित हो रहा है। वहां पर तैनात कर्मचारी को ही टिकट काटने, पैनोरमा में लगी मूर्तियों आदि की देखरेख, पैनोरमा की साफ-सफाई सहित अन्य जिम्मेदारी का निर्वहन करना पड़ता है, जबकि पहले यहां पर दो कार्मिक तैनात थे। यहां पर तैनात कार्मिक के छुट्टी आदि पर जाने पर किसी अनजान को जिम्मेदारी देनी पड़ती है।
पैनोरमा में महाराणा प्रताप के वंशज, राजसिंह का जन्म, राणा राजसिंह का राज्याभिषेक, शाहजहां की चितौड़ पर चढ़ाई, औरंगजेब से युद्ध, औरंगजेब की बेगम को बहन मानकर राखी बंधवाने, महाराणा राजसिंह का छापामार युद्ध, महाराणा राजसिंह द्वारा संयुक्त मोर्चा बनाना, महाराणा राजसिंह की ओर से औरंगजेब की सेना पर आक्रमण, मेवाड़ की क्षत्राणी हाड़ी रानी के अपने हाथों से अपना सिर काटकर देना, राजसमंद झील का निर्माण एवं राणा राजसिंह का परलोक गमन सहित अनेक जानकारियां दी गई है।
Published on:
07 Jun 2024 11:21 am
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