यूं हुआ पूरा मामला…
पुलिस के अनुसार उपली फियावड़ी निवासी गोपी लाल पुत्र तुलसीराम बागरिया 19 अक्टूबर सुबह भतीजी पूजा के साथ में बकरिया चराने गया, तभी फियावड़ी एनिकट पर कपड़े खोलकर नहाने उतर गया। एनिकट में तैरते हुए गहरे पानी में डूबने लगा। यह देखते रोती बिलखती भतीजी पूजा पुत्री राजू बागरिया घर पहुंच कर परिजनों को बताया।
पुलिस के अनुसार उपली फियावड़ी निवासी गोपी लाल पुत्र तुलसीराम बागरिया 19 अक्टूबर सुबह भतीजी पूजा के साथ में बकरिया चराने गया, तभी फियावड़ी एनिकट पर कपड़े खोलकर नहाने उतर गया। एनिकट में तैरते हुए गहरे पानी में डूबने लगा। यह देखते रोती बिलखती भतीजी पूजा पुत्री राजू बागरिया घर पहुंच कर परिजनों को बताया।
सूचना पर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी पहुंच गए और राजसमंद से गोतोखार भी आ गए, मगर एनिकट में किशोर का पता नहीं चल सका। इस पर दूसरे दिन उदयपुर से एनडीआरएफ दल, राजसमंद से सिविल डिफेंस व गोताखोर द्वारा दिनभर तलाश की गई, मगर कोई सुराग नहीं लगा।
तीसरे दिन सुबह 7 बजे से फिर रेस्क्यू अभियान शुरू किया और रविवार सुबह करीब 8 बजे शव को तलाश कर बाहर निकाल लिया। तीन दिन पानी में पड़े रहने से शव फुल गया और बदबू मारने लग गया। बाद में पुलिस ने कुंवारिया अस्पताल में पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सौंप दिया।
स्वीपर नहीं, पांच घंटे अटका पोस्टमार्टम शव पोस्टमार्टम के लिए कुंवारिया अस्पताल के मुर्दाघर में चिकित्सक पहुंच गए, मगर स्वीपर नहीं होने से पांच घंटे इंतजार करना पड़ा। पुलिस ने निजी स्तर पर कुरज से स्वीपर को बुलाया, तब पोस्टमार्टम हो सका। फियावड़ी एनिकट दुर्गम क्षेत्र में होने से रेस्क्यू दल के साथ पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को भी आने जाने में काफी मुश्किल हुई। कंटीली झाडिय़ा, ऊबड़- खाबड़ रास्ते व सात सात फीट पानी से होकर एनिकट तक पहुंचना जोखिमभरा था।