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घर के कंबल से भी महरूम रहे आजम खान: जेल की पहली दो रातें बेचैनी में कटी; सुबह तक करवटें बदलते रहे आजम-अब्दुल्ला

Azam Khan Rampur Jail: रामपुर जेल में आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला की पहली दो रातें बेहद कठिन रहीं। जेल प्रशासन ने सुरक्षा नियमों के चलते घर से आए कंबल, चादर और खाना स्वीकार नहीं किया, जिससे दोनों को साधारण जेल सुविधाओं में रात गुजारनी पड़ी।

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azam khan rampur jail denied blanket food first night controversy

घर के कंबल से भी महरूम रहे आजम खान | Image Source - 'FB' @AbdullahAzamKhan

Azam Khan deprived of even blanket home Rampur: रामपुर जेल में बंद सपा नेता आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को पहली दो रातों में चैन नहीं मिला। दोनों बैरक नंबर-1 में मौजूद रहे, जहां जेल प्रशासन ने घर से आए कंबल, चादर और खाना अंदर ले जाने की अनुमति नहीं दी। जेल के पतले कंबल और साधारण बिस्तर के कारण आजम पूरी रात करवटें बदलते रहे। घरवालों ने बार-बार गुहार लगाई, लेकिन सुरक्षा नियमों के चलते अधिकारियों ने साफ इनकार कर दिया।

पिता-पुत्र और जेल अधिकारियों के बीच हुई तीखी नोकझोंक

जेल मैनुअल का हवाला देते हुए प्रशासन ने किसी भी बाहरी सामान की इजाजत देने से इंकार कर दिया, जिसके बाद आजम और अब्दुल्ला ने नाराजगी जताई। सूत्रों के अनुसार बैरक में देर रात तक पिता-पुत्र और जेल कर्मियों के बीच बहस चली। उन्होंने बार-बार कहा कि स्वास्थ्य और उम्र को देखते हुए कुछ सुविधाएं दी जाएं, लेकिन जेलर राजेश यादव ने स्पष्ट कहा कि नियम सब पर समान लागू होते हैं।

सजा सुनाए जाने से लेकर जेल भेजे जाने तक की पूरी जानकारी

फर्जी पैन कार्ड मामले में एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने सोमवार दोपहर करीब 3 बजे आजम और अब्दुल्ला को सात-सात साल की सजा सुनाई। इसके बाद शाम 4:10 पर दोनों को रामपुर जेल ले जाया गया। जेल गेट पर आजम चश्मे का केस और दो पैकेट बिस्किट के साथ दिखाई दिए। बड़ा बेटा अदीब दोनों के साथ यहां तक आया और भावुक होकर अब्दुल्ला को गले लगाया।

पहली रात नींद से ज्यादा बातें हुईं

जेल सूत्र बताते हैं कि साधारण बिस्तर के कारण दोनों को ठीक से नींद नहीं आई। पिता-पुत्र ने आधी रात तक कोर्ट के फैसले, घरवालों की चिंता और आने वाले राजनीतिक भविष्य पर लंबी बातें कीं। देर रात थोड़ी देर सो पाए, लेकिन सुबह 6 बजे जेल नियमों के अनुसार उन्हें जगाया गया।

घर का खाना नहीं मिला

बाहर का खाना प्रतिबंधित होने के कारण आजम और अब्दुल्ला को जेल की मसूर की दाल, आलू-पालक की सब्जी और रोटियां खानी पड़ीं। सुबह चाय और हल्का नाश्ता दिया गया। बाद में हुए मेडिकल परीक्षण में दोनों की हालत सामान्य पाई गई।

कंबल-चादर लेकर दोबारा पहुंचा परिवार

अगले दिन परिवार फिर कंबल-चादर और खाना लेकर पहुंचा, लेकिन प्रशासन ने दोबारा साफ इनकार कर दिया। इस पर आजम खान भड़क उठे और सवाल किया कि उम्र और स्टेटस के अनुसार उन्हें ए कैटेगरी की जेल में रखा जाना चाहिए, जबकि उन्हें बी ग्रेड में रखा गया है। जेल अधीक्षक ने एक बार फिर कहा कि नियमों में बदलाव का अधिकार केवल कोर्ट का है।

जेल प्रशासन अपनी दलील पर कायम

जेल अधीक्षक राजेश यादव का कहना है कि रामपुर जेल बी ग्रेड में आती है और जो सुविधाएं निर्धारित हैं, वही दी जाती हैं। बाहरी वस्तुओं को अन्दर ले जाने की अनुमति सुरक्षा जोखिमों के कारण नहीं होती। हांलांकि, उम्र को देखते हुए आजम को अतिरिक्त फोम का गद्दा जरूर दिया गया है।

क्या है फर्जी पैन कार्ड का मामला?

2017 में आरोप लगा था कि आजम खान ने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर बेटे अब्दुल्ला के लिए फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाया और उसके आधार पर पैन कार्ड जारी कराया गया। इसी दस्तावेज के आधार पर अब्दुल्ला ने चुनाव लड़ा। यह मामला आजम पर दर्ज 104 मुकदमों में से एक है। अब तक 11 मामलों में निर्णय आ चुका है, जिनमें 6 में सजा और 5 में बरी किया जा चुका है।

क्या होती है ए और बी कैटेगरी जेल?

ए कैटेगरी जेल उच्च सुरक्षा वाली होती है, जहां गंभीर अपराधियों और संवेदनशील प्रोफाइल वाले कैदियों को रखा जाता है। वहीं बी कैटेगरी जेल मध्यम सुरक्षा वाली मानी जाती है, जहां सामान्य से गंभीर अपराध वाले कैदी रखे जाते हैं। यहां ए ग्रेड की तुलना में थोड़ी अधिक स्वतंत्रता होती है, लेकिन सुविधा सीमित रहती है। कैदियों को उनकी प्रोफाइल, सेहत और सजा की अवधि के अनुसार कैटेगरी प्रदान की जाती है।


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