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School Holiday: स्कूलों में छुट्टी, लेकिन शिक्षकों को रहना होगा उपस्थित, जारी हुआ आदेश

School Holiday Kanwar Yatra: कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा और यातायात प्रबंधन को देखते हुए रामपुर जिलाधिकारी जोगिंदर सिंह ने 26 और 28 जुलाई को हाईवे से 2 किमी की परिधि में आने वाले सभी स्कूलों (नर्सरी से 12वीं तक) में अवकाश घोषित किया है। शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य रहेगी। आदेश शहरी व प्रमुख मार्गों पर लागू होगा।

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स्कूलों में 2 दिन की छुट्टी, शिक्षक रहेंगे उपस्थित   फोटो सोर्स : Social Medi

स्कूलों में 2 दिन की छुट्टी, शिक्षक रहेंगे उपस्थित   फोटो सोर्स : Social Medi

Schools Closed Update: कांवड़ यात्रा के चलते रामपुर जनपद प्रशासन ने एहतियातन कदम उठाते हुए जिला मुख्यालय और नेशनल व स्टेट हाईवे से दो किलोमीटर की परिधि में आने वाले सभी स्कूलों में 26 और 28 जुलाई को अवकाश घोषित कर दिया है। आदेश के अनुसार यह अवकाश केवल छात्र-छात्राओं के लिए लागू रहेगा, जबकि शिक्षकों को विद्यालयों में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहना होगा। यह निर्णय जिलाधिकारी जोगिंदर सिंह द्वारा लिया गया है, जिनका कहना है कि सावन माह में निकलने वाली कांवड़ यात्रा को लेकर जनपद में सुरक्षा, यातायात और भीड़ नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।

कांवड़ यात्रा को लेकर तैयारियां जोरों पर

उत्तर प्रदेश में सावन के पवित्र माह में हर वर्ष लाखों की संख्या में कांवड़ यात्री (कांवड़िये) हरिद्वार, गंगोत्री, या नजदीकी गंगा घाटों से पवित्र जल भरकर अपने स्थानीय शिवालयों तक पदयात्रा करते हैं। यह यात्रा कई जिलों से होकर गुजरती है और कई स्थानों पर सड़क मार्ग बाधित रहता है। रामपुर जनपद भी इस यात्रा के प्रमुख मार्गों में शामिल है। जिलाधिकारी जोगिंदर सिंह ने बताया कि कांवड़ यात्रा के दौरान हाईवे पर यातायात का अत्यधिक दबाव, सुरक्षा कारणों, और संभावित जाम की स्थिति को देखते हुए बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य से कक्षा नर्सरी से लेकर 12वीं तक के बच्चों के लिए यह अस्थायी अवकाश घोषित किया गया है।

किन स्कूलों में लागू होगा आदेश

यह आदेश उन सभी माध्यमिक, उच्च माध्यमिक और परिषदीय विद्यालयों पर लागू होगा, जो रामपुर शहरी क्षेत्र में स्थित हैं। जनपद के नेशनल हाईवे (NH) और स्टेट हाईवे (SH) से दो किलोमीटर की परिधि में आते हैं। अधिकारियों का मानना है कि इन क्षेत्रों में कांवड़ यात्रा का प्रभाव सर्वाधिक रहेगा, जिससे विद्यार्थियों का स्कूल आना-जाना असुरक्षित या असुविधाजनक हो सकता है।

शिक्षकों की उपस्थिति अनिवार्य

जिलाधिकारी के स्पष्ट निर्देश हैं कि यह अवकाश केवल विद्यार्थियों के लिए है। विद्यालयों के सभी शिक्षक और कर्मचारी नियत समय पर उपस्थित रहेंगे और अपने शैक्षिक एवं प्रशासनिक कार्यों का निर्वहन करेंगे।

इस दौरान विद्यालयों में निम्नलिखित कार्य संपादित किए जा सकते हैं:

  • रिकॉर्ड का संधारण
  • परीक्षा की तैयारी
  • पाठ्यक्रम मूल्यांकन
  • विद्यालय की साफ-सफाई

शैक्षणिक योजनाओं की समीक्षा

बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) और जिला विद्यालय निरीक्षक (DIOS) को निर्देशित किया गया है कि वे इस आदेश का पालन सुनिश्चित कराएं।

छात्रों के अभिभावकों से अपील

प्रशासन ने अभिभावकों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और इस आदेश को केवल सावधानीवश लिया गया एहतियाती कदम समझें। बच्चों की पढ़ाई पर कोई दीर्घकालिक प्रभाव नहीं पड़ेगा। इस बीच यदि कोई विद्यालय अपनी स्थिति के अनुसार अवकाश नहीं चाहता तो वह प्रशासन से अनुमति प्राप्त कर सकता है, लेकिन इसके लिए उचित कारण देना होगा।

सुरक्षा और यातायात व्यवस्था के निर्देश

कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रहेगी। जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है। यातायात को सुचारू बनाए रखने के लिए:

  • वैकल्पिक मार्ग चिन्हित किए गए हैं
  • हाईवे पर चिकित्सा एवं जल आपूर्ति की अस्थायी व्यवस्था की गई है
  • संवेदनशील क्षेत्रों में CCTV कैमरों की निगरानी बढ़ा दी गई है

रामपुर पुलिस अधीक्षक (SP) ने बताया कि जिले में कांवड़ यात्रियों के स्वागत हेतु अनेक स्थानों पर शिविर लगाए गए हैं जहां उन्हें विश्राम, चिकित्सा और जलपान की सुविधा मिलेगी।

पूर्व अनुभवों से मिली प्रेरणा

गौरतलब है कि पिछले वर्षों में कांवड़ यात्रा के दौरान कई जिलों में ट्रैफिक जाम, दुर्घटनाएं और सुरक्षा संबंधित घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इन्हीं अनुभवों को ध्यान में रखते हुए रामपुर जिला प्रशासन ने इस बार पूर्व तैयारियों पर ज़ोर दिया है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि सरकार का उद्देश्य ना सिर्फ कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करना है, बल्कि स्थानीय जनता, खासकर विद्यार्थियों की सुरक्षा को भी प्राथमिकता देना है।

सतर्कता और व्यवस्था की मिसाल

रामपुर प्रशासन द्वारा लिया गया यह निर्णय संतुलित और समयानुकूल है। यह न केवल छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है, बल्कि शिक्षकों की उपस्थिति से यह संदेश भी देता है कि शैक्षिक गतिविधियों को पूरी तरह से ठप नहीं किया जाएगा।

यह आदेश एक उदाहरण प्रस्तुत करता है कि प्रशासनिक समझदारी और संवेदनशीलता से किस प्रकार धार्मिक आयोजनों और शैक्षणिक दायित्वों के बीच संतुलन बनाया जा सकता है।