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(रवि सिन्हा की रिपोर्ट)
रांची। राजधानी रांची के डुमरदगा स्थित जुवेनाइल कोर्ट ने सफायर इंटरनेशनल स्कूल के छात्र विनय महतो हत्याकांड मामले में दोनों नाबालिग आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है। इस मामले में कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह मामला बहुचर्चित रहा था।
पिता को अस्पताल में मृत मिला था विनय
झारखंड की राजधानी रांची शहर के इस सबसे महंगे बोर्डिंग स्कूल सफायर इंटरनेशनल में 4 फरवरी 2016 की रात 7वीं कक्षा के छात्र विनय महतो की हत्या कर दी गई थी। स्कूल प्रबंधन की ओर से घटना की देर रात साढ़े तीन बजे फोन कर विनय के पिता मनबहाल महतो को उसकी तबीयत बिगड़ने की सूचना दी गई। विनय को पहले गुरुनानक अस्पताल में भर्ती कराया गया फिर उसे रिम्स ले जाया गया। लेकिन जब तक परिजन वहां पहुंचे, विनय स्ट्रेचर पर मृत पड़ा था। वहां से स्कूल का स्टॉफ जा चुका था।
शिक्षिका और उसके पति को भेजा था जेल
इस मामले में विनय के पिता मनबहाल महतो ने तुपुदाना ओपी में स्कूल प्रबंधक व सहपाठियों के खिलाफ केस दर्ज कराया। मामले में जांच करते हुए रांची पुलिस ने स्कूल की महिला शिक्षिका नाजिया हुसैन, उसके पति आरिफ अली व उनके दो नाबालिग बच्चों को जेल भेज दिया था। दोनों नाबालिगों के हत्या में शामिल होने के बारे में अभियोजन पक्ष पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर सका। साक्ष्यों के अभाव में जुवेनाइल कोर्ट ने दोनों आरोपियों को मुक्त कर दिया। दूूूूसरी ओर इस मामले में शिक्षिका नाजिया व उसके पति समेत अन्य आरोपियों के विरूद्ध निचली अदालत में सुनवाई चल रही है। अपर न्यायायुक्त की अदालत में 30 जून को विनय महतो की मां की गवाही हुई थी। विनय की मां कसिला देवी इस प्रकरण में अभियोजन पक्ष की ओर से पेश 28वीं गवाह थीं।
Published on:
06 Jul 2018 02:51 pm
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