SBI की सौगात : 0 बैलेंस पर खोल रही आपका अकाउंट शहर की नगर निगम ने प्रदेश में सीएम हेल्पलाइन के मामले में लगातार दूसरी बार पहला स्थान बनाया है। आकंड़ों की बाजीगरी कर भले पहला नंबर पा लिया हो, लेकिन हकीकत यह है कि कुल 716 शिकायत में से 338 शिकायत पर कार्रवाई ही नहीं की गई। इतना ही नहीं, 72 शिकायत तो ऐसी है जिन को किसी अधिकारी ने हल करना तो दूर, देखना भी जरूरी नहीं समझा है।
फरवरी में पहली बार बिजली की रिकार्ड तोड़ मांग शहर के कलईगर रोड निवासी आयशा राठौर ने डेढ़ माह पूर्व उनके क्षेत्र के गंदे नाले के पानी की निकासी को बेहतर करने में असमर्थ नगर निगम की शिकातय की थी। करीब 49 दिन पूर्व हुई इस शिकायत के बाद नाले के गंदे पानी का स्तर तो बढ़ता चला गया, लेकिन समाधान के मामले में अब तक कुछ नहीं हुआ। कुछ इसी प्रकार की शिकातय अलकापुरी क्षेत्र के एक वृद्ध रहवासी ने की। उनके अनुसार तीन माह से उनके क्षेत्र में सफाई करने कोई कर्मचारी नहीं आया। मोहल्ले के रहवासी ही सफाई कर रहे है। इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर की तो अब अधिकारी चाहते है कि शिकायत वापस ले ली जाए।
प्रत्येक जीव मनुष्य प्रकृति से सुरक्षित है बस जरूरत है अपनत्व सेवा प्रेम की सिर्फ लेवल बढ़ता जा रहा नगर निगम को 716 शिकायत सीएम हेल्पलाइन में मिली। इनमे से 47.28 प्रतिशत शिकायत को सुना गया। मतलब साफ है कि 52.72 प्रतिशत याने की 338 शिकायत अब तक समाधान की आस में है। इसके बाद भी नगर निगम सीएम हेल्पलाइन समाधान में नंबर एक पर है तो काम करने के तरीके का अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे में निगम में सीएम हेल्पलाइन पर मिलने वाली शिकायत का लेवल बढ़ता जा रहा है।
police ने सर्विस रिवाल्वर से धमकाकर किया Rape फैक्ट फाइलकुल शिकायत मिली – 716
समाधान का इंतजार – 338
100 दिन में समाधान की – 9.33 प्रतिशत
कुल बंद करवाई – 9.66
शिकायत में कमी – 7.5 प्रतिशत
कुल वेटेज स्कोर – 93.77 ए ग्रेड