
सब बच जाए, इसलिए एक को बना रहे आरोपी
एक ही परिवार के पांच लोगों के नाम प्रधानमंत्री आवास योजना के अनुदान में हुए घोटाले की जांच में सामने आया तथ्य, निगम ने माना सेडमैप की गलती
रतलाम. प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों की सूची में गड़बड़ी कर एक ही परिवार के पांच लोगों के नाम जोड़ दिए गए। इसी परिवार से जुड़े जाकिर को गड़बड़ी का मुख्यआरोपी माना जा रहा है। निगम की जांच में पता चला कि जाकिर के परिवार के पांच लोगों के नाम इन १३ की सूची में शामिल हैं। खुद जाकिर ने भी अपना नाम जोड़कर अनुदान के रूप में एक लाख रुपए अपने खाते में जमा करवा लिए। नगर निगम अब तक इस व्यक्ति तक नहीं पहुंच पाई है। भुगतान सूची के अंतिम सत्यापन के बाद दिया जाना था लेकिन आनन फानन में भुगतान कर दिया गया। अब योजना में हुए घोटाले का ठीकरा छोटे कर्मचारियों के सिर पर फोडऩे की तैयारी की जा रही है। इतनी बड़ी गड़बड़ी में अब तक किसी भी अधिकारी की जिम्मेदारी तय नहीं हो पाई है।
दो आरोपी भी सूची में
इस मामले में कॉलोनी निवासी ममता श्रीवास्तव ने जो शिकायत जिला और नगर निगम प्रशासन को दी थी उसमें जिन तीन लोगों के नाम थे उममें से दो को पीएम आवास में लाभ भी मिला है। यह लाभ उस १३ लोगों की सूची के रूप में हैं जो वास्तविक सूची से अलग थे। जाकिर के साथ ही आकाश जान नाम व्यक्ति को भी योजना का लाभ मिला है।
दीपक का पिता मिलने पहुंचा पार्षद से
सेडमैप के कर्मचारी दीपक की भूमिका इस पूरे प्रकरण में जाकिर नामक युवक के साथ संदिग्ध है। पिछले दिनों से चल रहे घटनाक्रम के बाद शनिवार को दीपक के पिता पार्षद रजनीकांत व्यास से मिलने पहुंचे। पिता ने पार्षद से पूछा मेरे बेटे का क्या कसूर है। इस पर पार्षद व्यास ने कहा कि उसी से पूछो यह किसने करवाया है और कौन-कौन शामिल है। इस पर पिता ने कहा कि वह कुछ भी नहीं बता रहा है कि आखिर मामला क्या है।
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सेडमैप की जिम्मेदारी
सूची में गड़बड़ी होना और दूसरी सूची जोडऩे को लेकर की गई जांच में प्रारंभिक रूप से दीपक नाम के कर्मचारी का नाम सामने आया है। यह सेडमैप का कर्मचारी है और जिम्मेदारी सेडमैप की ही बनती है। इससे वे पल्ला नहीं झाड़ सकते हैं। हमने प्रतिवेदन में भी इस बात का उल्लेख किया कि जाकिर के साथ मिलकर यह धोखाधड़ी हुई है।
सुरेशचंद्र व्यास, नोडल अधिकारी पीएम आवास योजना, नगर निगम
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हर साल घोटाले, जिम्मेदार मौन
वृद्धावस्था, विधवा पेंशन और राशन घोटाले के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना के अनुदान में निगम में हुई बंदरबाट
रतलाम. ये रतलाम नगर निगम है। पिछले तीन सालों में नगर निगम में तीसरा बड़ा घोटाला सामने आ चुका है और जिम्मेदार अब इसकी जिम्मेदारी दूसरों पर थोपने में जुट गए हैं। सामाजिक सुरक्षा पेंशन व राष्ट्रीय परिवार सहायता में गड़बड़़ी और राशन घोटाले के बाद नया घोटाला प्रधानमंत्री आवास योजना के अनुदान में भी बड़़ा घोटाला सामने आ चुका है। इसमें भी निगम के ही जिम्मेदारों पर अंगुली उठ रही है। फिलहाल नगर निगम के प्रतिवेदन पर पुलिस में किसी के खिलाफ प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है।
घोटाला क्रमांक - १
हाल ही में पत्रिका ने सबसे पहले नगर निगम में प्रधानमंत्री आवास योजना के अनुदान में गड़बड़ी का मामला उजागर किया। इसमें १३ अपात्र लोगों के खाते में एक-एक लाख रुपए जमा कराए गए। यह राशि भी निकाली जा चुकी है। सबसे पहले रेलवे कॉलोनी निवासी महिला ने अपने खाते में आई राशि को लेकर शिकायत दर्ज कराई तो अन्य लोग भी उजागर हुए।
घोटाला क्रमांक - २
पिछले साल शहर की राशन दुकानों के लिए बनने वाली फर्जी पात्रता पर्चियों को बनाने का मामला उजागर हुआ। फर्जी पात्रता पर्ची बनाने वाली फर्म, खाद्य विभाग के अधिकारी और राशन माफियाओं ने मिलकर १० करोड़ के राशन की हेराफेरी की थी। इस मामले में पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज की है।
घोटाला क्रमांक - ३
वर्ष २०१६ में नगर निगम से दी जाने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन व राष्ट्रीय परिवार सहायता में लाखों रुपयों का घोटाला सामने आया था। इसमें कुछ जिंदा लोगों को मरा हुआ बताकर व पुरुष को विधवा महिला दर्शाकर लाखों रुपए निकाल लिए गए थे। करीब १२०० अपात्रों के खातों में विधवा पेंशन, विकलांग पेंशन सहित अन्य योजनाओं की राशि डाल दी गई थी। आज तक किसी से भी कोई वसूली नहीं हो पाई।
Published on:
17 Jun 2018 05:42 pm
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