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अनदेखी का शिकार : रतलाम खतरनाक प्रदूषण की श्रेणी में

NGT Bans New Industries In Ratlam : रतलाम में औद्योगिक विकास की उम्मीदों पर एनजीटी की रिपोर्ट ने फेरा पानी, 20 वर्षों से नहीं उठा 22 हजार टन रासायनिक कचरा। न बड़े होटल खुल सकेंगे, न अलमारी व ग्रिल बन सकेगी, न दूध प्रसंस्करण व डेयरी उत्पाद, न ट्रांसफॉर्मरों की मरम्मत हो सकेगी, अब सभी मिलकर करें प्रयास तो ही होगा विकास।

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NGT bans new industries in Ratlam

NGT bans new industries in Ratlam

रतलाम। NGT Bans New Industries In Ratlam : रतलाम में औद्योगिक विकास की उम्मीदों पर एनजीटी ( National Green Tribunal ) की एक रिपोर्ट ने पानी फेर दिया है। एनजीटी ने रतलाम का प्रदूषण सूचकांक औसत से अधिक पाया है। जिसके चलते न तो बड़े होटल खुल सकेंगे और न ही थर्मल पावर प्लांट व अलमारी तथा ग्रिल बनाने की फैक्ट्री खुल सकेगी। जिन उद्योगों से प्रदूषण सूचकांक बढ़ाया है, उनको बंद हुए 20 साल से अधिक समय हो चुका है, लेकिन इनका करीब 22 हजार टन रासायनिक कचरा निष्पादित नहीं हुआ है, क्योंकि डीपीआर भी उलझी पड़ी है। अब रतलाम के विकास पर रोक के बाद सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे, तब ही कुछ हो सकेगा।

NGT bans new industries in Ratlam: औद्योगिक क्षेत्र व बिबड़ौद को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए 100 करोड़ की योजना का प्राकलन तैयार किया गया था। कम करने के लिए प्रयास नाकाफी साबित हुए। 1980 से 1990 की अवधि के दौरान औद्योगिक क्षेत्र में तीन-चार बड़े व दो-तीन छोटे रासायनिक उद्योग संचालित होते थे। इसमें से सबसे ज्यादा परेशानी सज्जन इम्पैक्स के कारण आई, क्योंकि इसके वेस्ट को औद्योगिक क्षेत्र में फेंकने दिया गया।

इस तरह रतलाम में बाधा बन रहा कचरा


NGT bans new industries in Ratlam: सैलाना के विधायक हर्षविजय गेहलोत ने बीते विधानसभा सत्र के दौरान औद्योगिक क्षेत्र के रासायनिक कचरे पर सवाल पूछा था। जवाब में मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने बताया कि रतलाम में करीब 22 हजार 317 टन कचरा पड़ा है। डोसीगांव में सज्जन केमिकल्स का करीब 22316.6 टन और जेवीएल का करीब 0.4 टन कचरा पड़ा है। सज्जन केमिकल्स के आधिपत्य के प्लांट में पड़ा 789.45 टन असुरक्षित अपशिष्ट पीथमपुर अथवा कॉमन ट्रींटमेंट सिक्योर्ड डिस्पोजल फेसिलिटी में वर्ष 2018 में हो गया है। निपटान न करने के कारण दोनों उद्योगों पर एफआईआर दायर हुई है। फिलहाल भारत सरकार पर्यावरण एवं वन मंत्रालय एवं केंद्रीय प्रदूषण नियत्रंण बोर्ड निपटान के लिए डीपीआर बना रहा है।

100 करोड़ की योजना कागजों पर ही रही

NGT bans new industries in Ratlam: कचरा निष्पादन के लिए करीब 100 करोड़ की प्रारंभिक योजना बनी थी। इससे जमीन में जमा हुए ब्लैक डॉट को धमाके से छोटे-छोटे टुकड़ों में बदलना था। प्रदूषित पानी को पंप से बाहर निकाल कर उसको क्लीन करना था। क्षेत्र में फैले वेस्ट मटेरियल को उठाने का प्रावधान भी था। दिल्ली की एक एजेंसी ने औद्योगिक क्षेत्र में 12 बोरिंग किए थे। इसके साथ ही फैक्टरियों में संचालित 50 ट्यूबवेल के सैंपल लेकर प्रदूषण की जांच की। योजना के प्राकल्लन तैयार करने के लिए दिल्ली की एक कंपनी को हायर किया गया था। इसके हुुए खर्चों का अनुमोदन तत्कालीन कलेक्टर बी चंद्रशेखर ने जनसुनवाई आयोजित कर किया था, लेकिन बीते सालों में सबकुछ कागजों से बाहर नहीं निकल पाया है।

अभी एनजीटी की रिपोर्ट नहीं मिली


NGT bans new industries in Ratlam: उज्जैन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक एसएन द्विवेदी ने बताया कि हमारे पास एनजीटी की रिपोर्ट अभी नहीं आई है। ऐसे में अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता। रतलाम के औद्योगिक क्षेत्र को प्रदूषण मुक्त कराने के लिए प्रथम चरण का काम चल रहा है। सज्जन इम्पैक्स का 22-23 हजार टन में से 700 टन वेस्ट मटेरियल पीथमपुर भेज कर निस्तारण करा दिया है। पानी को क्लीन करने के लिए पहले सैंपल लिए थे। कोर्ट रिसीवर की अनुमति से 25 जुलाई को जेवीएल परिसर के अंदर से सैंपल लिए है। जांच के बाद डीपीआर बनाई जाएगी।

अवगत कराया था
रतलाम के औद्योगिक क्षेत्र को रासायनिक प्रदूषण की सूची से हटाने के लिए बीते कई साल से प्रयास कर रहे है। इसके बाद भी किसी का ध्यान नहीं है।
- नरेश झालानी, पूर्व अध्यक्ष संभागीय उद्योग संघ, रतलाम

प्रयास होने चाहिए

वर्तमान संचालित उद्योग व भविष्य के उद्योगों केे संचालन के लिए यह निर्णय निराशा जनक है। उद्यमिता स्थापित रहे। इसके लिए पुन: प्रयास किए जाने चाहिए।
- अरिहंत पोरवाल, पूर्व सचिव संभागीय उद्योग संघ, रतलाम