
फोटो सोर्स: पत्रिका
MP News: ग्रामीण क्षेत्रों में प्रधानमंत्री आवास योजनांतर्गत हितग्राहियों को 1.35 लाख रुपए में आशियाना बनाना मुश्किल हो रहा है। तीन किस्तों में आवास बनाने के लिए मिलने वाला बजट कम होने से कई हितग्राहियों के आवास की छत, तो कई जगह दीवारों पर प्लास्टर नहीं हो पाया है। शहरी क्षेत्र में इसी योजना में 2.50 की राशि हितग्राही को मिलती है। ग्रामीण हितग्राही को ईंट से लेकर सलिया, सीमेंट आदि सामग्री शहर से लाना पड़ता है। शहरी क्षेत्र में वहीं सामग्री उपलब्ध होने से उन्हें ज्यादा लागत नहीं आती है।
ग्रामीणों का कहना है कि बजट बिगडऩे पर रिश्तेदारों से रुपए उधार लेकर वह मकान की सिर्फ दीवारें खड़ी कर पाए हैं। तीसरी किस्त आने का इंतजार कर रहे हैं। यही हाल लगभग सभी हितग्राहियों का है। पक्का मकान बनाने में कर्जदार हो रहे हैं। जो स्वयं राशि नहीं लगा पाते हैं, उनका मकान अधूरा रह जाता है ग्रामीण हितग्राहियों का कहना कि सभी को एक जैसी राशि मिलनी चाहिए।
ग्रामीण एवं हितग्राही पंच प्रतिनिधि, शंकर निनामा, पंच कालूसिंह रामचंद्र निनामा, निवासी लाबा खोरा, सोहन मईड़ा, निवासी भूरीघाटी ने बताया की 1.35 लाख रुपए में पक्का मकान बनाना संभव नहीं है। बजट के अभाव में हितग्राहियों के आवास अधूरे पड़े हैं। पीएम आवास योजना के नगरीय और ग्रामीण क्षेत्र के हितग्राहियों को समान रूप से राशि मिलनी चाहिए।
मकान निर्माण में उपयोग होने वाली सामग्री सीमेंट, ईंट, सरिया सभी के रेट एक जैसे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में इनकी दुकानें नहीं होने से शहर से ले जाने का भाड़ा ग्रामीणों को अतिरिक्त देना पड़ता है जो भारी पड़ रहा है। ग्रामीणों के अनुसार पंचायत आबा में 9 गांव एवं 3 मजरे लगते हैं इनमें सामग्री ले जाने के लिए काफी रुपए लगते हैं।
कांग्रेस नेता मियाराम पाटीदार ने बताया की प्रधानमंत्री एवं मुयमंत्री के नाम से भी पत्र भेजा गया है। इसमें बताया गया कि शहर एवं गांव में हितग्राहियों को इस योजना में 2.50 लाख ही दिए जाएं। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में हितग्राहियों को समान राशि मिलेगी।
बाजार में किस वस्तु के क्या दाम है, इस पर कुछ नहीं कह सकते। शासन ने योजना में दर तय की है। उससे अधिक राशि देने का प्रावधान नहीं है।- श्रृंगार श्रीवास्तव, सीईओ, जिला पंचायत
Published on:
22 Sept 2025 03:45 pm
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