
रतलाम। पुलिस थानों को पेपर लेस कर तकनीकी में दक्ष कर त्वरित कार्रवाई के लिहाज से सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल टे्रसिंग नेटवर्क एंड सिस्टम) प्रणाली लागू की गई, लेकिन प्रणाली में जीरो पर कायमी सुविधा का ऑप्शन ही नहीं दिया गया है। थानों में जीरो पर कायम होने वाले मामले मैन्युअली दर्ज किए जाते हैं। इसके बाद केस डायरी ट्रांसफर आने के बाद संबंधित थाने में सीसीटीएन की साइट पर केस नंबर देकर अपलोड किया जाता है। इसके चलते एक थाने से दूसरे थाने में केस डायरी पहुंचने में घंटो और कई दिन लग जाते हैं।
एनसीआरीबी की और से डेवलेप सीसीटीएनएस के माध्यम से छोटी-बड़ी शिकायतें दर्ज की जा रही है। अंग्रेजी वर्ज को हिन्दी में डेवलप किया गया है। जिलें में २० थानों सहित प्रदेश के सभी १०१९ थानों और ऑफिस में कागजों पर काम करने वाले करीब सवा लाख पुलिसकर्मी और अधिकारी इस प्रोजेक्ट के तहत ऑनलाइन सिस्टम से जुड़े है। पुलिस कंट्रोल रूम में ट्रेनिंग सेंटर है।
ये परेशानी आ रही
सीसीटीएनएस में अपराध दर्ज करने के लिए अपराध संख्या डालना अहम है। सीसीटीएनएस में जीरो कायमी करने के लिए कोई अलग से विकल्प नहीं जोड़ा गया है। केस डायरी ट्रांसफर होकर दूसरे थाने पहुंचेगी, तो उसका रिकॉर्ड कैसे मेंटन रहेगा, इसका विकल्प नहीं है।
४२ तरह के अपराधों की जानकारी
इस सिस्टम में रोजनामचे से लेकर सभी कार्रवाई ऑनलाइन की जा रही है। जब्त वाहन, क्रिमनल रिकॉर्ड और लापता-लावारिस लोगों की जानकारी सहित ४२ प्रकार के अपराधों का ब्योरा दर्ज हो सकता है।
जीरो पर दर्ज होने वाले आंकडे़
५०-६० मर्ग बांसवाड़ा और गुजरात की सीमा क्षेत्र होने के चलते सालभर में जीरो कायमी पर दर्ज होते है।
४० प्रकरण दूसरे जिलों में ट्रांसफर होते हैं।
१०० से अधिक मामले १३ पुलिस चौकियों में दर्ज होते हैं।
१०-१५ प्रकरण दहेज उत्पीडऩ के होते हैं।
यह रही सुविधा
विभागीय काम पूरी तरह पेपरलेस हो जाएगा
अपराध दर्ज होते ही दूसरे थानों में जानकारी पहुंचेगी।
ऑनलाइन होने से नाम बदलकर अपराधी नहीं छिप पाएंगे।
केस डायरी थाने पहुंचने में लगता है समय
जिले में सभी १३ चौकियों पर जीरो पर कायमी होती है। अभी चौकियों को सीसीटीएनएस से नहीं जोड़ा गया है। चौकियों पर दर्ज होने वाली जीरो की कायमी को थाने से अपराध क्रमांक अलॉट होता है। इसके बाद उसे सीसीटीएनएस पर अपलोड किया जाता है। ऑनलाइन सिस्टम न होने से चौकी पर जीरो पर कायम होने वाले मामले थानों में दस घंटे लेट पहुंचते हैं। दूसरे जिलो में सप्ताह भर तक केस डायरी पहुंचने में लग जाते है।
हाई कोर्ट का निर्देश- भोपाल में गैंगरेप के मामले को संज्ञान में लेते हुए हाईकोर्ट ने थानों को जीरो पर कायमी दर्ज करने को रूटीन में लोन के निर्देश दिए थे।
ऑनलाइन नहीं हो पाती जीरो पर कायमी
यह सही है कि सीसीटीएनएस के तहत ऑनलाइन जीरो पर कायमी करने का ऑपशन नहीं है। लेकिन गंभीर प्रकरण और महिला अपराध में पुलिस जीरो पर कायमी कर केस डायरी संबंधित थाने को पहुंचाती है। मुख्यालय स्तर पर इसमें सुधार का प्रयास किया जा रहा है। फिलहाल मेन्युअल रूप से जीरो पर रिपोर्ट दर्ज की जाती है।
अमित सिंह, एसपी रतलाम।
Published on:
15 Dec 2017 05:51 pm
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