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कई घरों में शौचालय नहीं फिर भी जिला हो गया खुले में शौच मुक्त

कई घरों में शौचालय नहीं फिर भी जिला हो गया खुले में शौच मुक्त

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कई घरों में शौचालय नहीं फिर भी जिला हो गया खुले में शौच मुक्त

रतलाम। जिले को खुले से शौच मुक्त बनाने के लिए जिला पंचायत ने इतनी जल्दबाजी दिखाई की कई घरों में शौचालय बने नहीं और जिला ओडीएफ घोषित कर दिया है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत जिले की छह जनपद पंचायत में सवा लाख से अधिक शौचालय बनाए जाने थे, लेकिन जब पात्र लोगों की सूची तैयार की गई तो उसके अंतर्गत एक लाख नौ हजार से अधिक हितग्राहियों के घरों में शौचालय का निर्माण कर जिले को ओडीएफ घोषित कर दिया।

जिले के ओडीएफ घोषित होने के बाद भी ग्रामीण अंचलों में अब भी लोग खुले में शौच जाते दिखते है। इनमें कई लोग एेसे है जिनके यहां पर अब तक शौचालय नहीं बने है। इसके पीछे कारण कुछ परिवारों को पात्र नहीं होना बताया गया है, जिन हितग्राहियों के यहां शौचालय बने है, उनके परिवारों का नाम वर्ष 2012 की पात्रता श्रेणी में होना बताया है, जिसके चलते प्राथमिकता के आधार पर उनके यहां शौचालय निर्माण कराकर जिले को उक्त सूची के हिसाब से खुले में शौच मुक्त मान लिया गया है।

अब करना होगा फॉलोअप
जिला पंचायत ने जैसे तैसे कर इतने परिवारों के यहां शौचालय का निर्माण तो करा दिया है लेकिन जिन लोगों के घरों में यह बने है, वे इसका उपयोग कर भी रहे है या नहीं अब उसकी देख-रेख भी करना होगी। इसके लिए जिला पंचायत द्वारा कुछ टीमें अलग-अलग क्षेत्रों में पहुंचकर वहां की स्थिति का जायजा लेगी। इसके साथ ही राज्य व केंद्र सरकार की टीम भी वास्तविकता का पता लगाने के लिए यहां पर आ सकती है।

किस जनपद में कितने बने
जनपद - लक्ष्य - पात्र हितग्राहियों के यहां बने
आलोट - 25340 - 18581
बाजना - 23688 - 23487
जावरा - 23423 - 18341
पिपलोदा - 15094 - 11394
रतलाम - 29854 - 26067
सैलाना - 12096 - 11898
कुल - 129495 - 109768

इनका कहना है
पात्रता के हिसाब से बने
- पूरा जिला ओडीएफ घोषित हो चुका है। एक लाख नौ हजार से अधिक परिवारों के यहां शौचालय बनवाएं गए है। ये परिवार वर्ष 2012 की सूची के हिसाब से चुने गए थे। उसके मान से जिला ओडीएफ हो चुका है। जिन लोगों के यहां शौचालय बने है, वे उसका उपयोग करे अब उसका फॉलोअप करना है।
अवधसिंह अहिरवार, जिला समन्वयक