बच्ची के साथ भटक रही थी महिला
रतलाम में रक्षाबंधन के दिन मानवता की अनोखी तस्वीर देखने को मिली। यहां मीडियाकर्मियों और समाजसेवी की मदद 8 महीने की मासूम बच्ची को गोद में लिए दर-दर भटक रही एक महिला की मदद की और फिर उसे वापस उसके घर गुजरात भेजा। दरअसल एक महिला बीते तीन-चार दिन से नन्हीं बच्ची को लेकर भटक रही थी जो जिला कोर्ट के सामने बैठी मीडियाकर्मियों को नजर आई। रक्षा बंधन के दिन एक बहन को परेशान देख मीडियाकर्मियों ने उससे बात की तो पता चला कि वो गुजरात के अहमदाबाद की रहने वाली है जो अपने पति जो कि राजस्थान के बांसवाड़ा में एक कंपनी में काम करता था को ढूंढ रही है। महिला की समस्या जानने के बाद मीडियाकर्मियों ने समाजसेवी गोविंद काकानी से संपर्क कर उन्हें पूरी बात बताई।
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पति को ढूंढते हुए पहुंची थी रतलाम
समाजसेवी गोविंद काकानी महिला के बारे में पता चलते ही उसे व बच्ची को लेकर जिला अस्पताल पहुंचे जहां महिला व उसकी 8 महीने की बच्ची के खाने पीने की पूरी व्यवस्था की। जहां बातचीत के दौरान महिला ने बताया कि उसका नाम लीला गहलोत है जो गुजरात के अहमदाबाद जिले के उदरेल गांव की रहने वाली है। लीला ने समाजसेवी को बताया कि उसका पति मयूर कंपनी बांसवाड़ा राजस्थान में किसी ठेकेदार के पास काम करता है परंतु अभी ठेकेदार ने उसे धोखा दिया और जिससे पति बांसवाड़ा में भटक रहा है और वो पति को ढूंढते हुए ही रतलाम तक पहुंची है।
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समाजसेवी-मीडियाकर्मियों ने भेजा वापस घर
महिला लीला की पूरी कहानी सुनने के बाद मीडियाकर्मियों व समाजसेवी ने लीला के पति से मोबाइल पर किसी तरह संपर्क किया। जिसने पैसा न होने के कारण रतलाम आने में असमर्थता जताई और पत्नी को वापस अहमदाबाद भेजने की गुजारिश की। जिसके बाद लीला के दादाजी से बात की गई और फिर सभी ने मिलकर लीला को रक्षाबंधन के दिन ट्रेन में बिठाकर अहमदाबाद के लिए रवाना किया। इस दौरान लीला को उसके व बच्ची के स्वल्पाहार के लिए नाश्ता व खर्च के पैसे भी दिए। वहीं रवाना होने से पहले समाजसेवी व मीडियाकर्मियों से मिले प्यार के लिए लीला ने उनका दिल से शुक्रिया अदा किया व समाजसेवी गोविंद काकानी को राखी बांधकर उनसे आशीर्वाद भी लिया।