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हाल के कुछ वर्षों में विश्व के बड़े कॉर्पोरेट ऑफिस में कर्मचारियों के बीच संवादहीनता को तोडऩे के लिए कई बड़ी कंपनियां अपने यहां ओपन स्पेस ऑफिस कल्चर को प्रमोट कर रही हैं। बंद केबिन से टेली कम्युनिकेशन को कम करने के लिए कंपनी प्रबंधन इस कल्चर को प्रमोट कर रहे हैं। दरअसल ऐसा देखने में आया कि मोबाइल, इंटरनेट और टेली कम्युनिकेशन के कारण कर्मचारी आपस में प्रत्यक्ष संवाद ही नहीं करते हैं इससे टीम वर्क और क्रिएटिव आइडिया विकसित नहीं हो रहे थे। इसे ऑफिस में इनिशिएटिव लीडरशिप को बढ़ावा देने के मकसद से शुरू किया गया था।
हाल की कुछ रिसर्च में सामने आया है कि हकीकत में ऐसा कुछ होता नहीं है। एथोन बर्न्स टीन एवं स्टीफन टर्बन ने कॉर्पोरेट मुख्यालयों की स्टडी के बाद बताया कि मॉडर्न दफ्तरों का आधुनिक खुला आर्किटेक्चर आमने-सामने की बातचीत को ७० प्रतिशत तक घटा देता है जिससे इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकेशन बढ़ जाता है।
रिसर्च टीम ने कर्मचारियों के शरीर पर हाई टेक ट्रैकिंग उपकरण, सोशियो मैट्रिक बैच लगाकर खुली जगह पर बैठने के 15 दिन पहले के और 15 दिन के बाद तक उन्हें देखा। बंद कमरे में कामकाज के दौरान कर्मचारियों ने आपस में 5.8 घंटें आमने-सामने बातचीत की। जबकि खुले स्थान वाले दफ्तर में यह अवधि घट कर 1.7 घंटे ही रह गई। इस दौरान ओपन स्पेस वाले कर्मचारियों में 56 प्रतिशत ईमेल और 67 प्रतिशत इंस्टेंट मैसेज ज्यादा भेजे जो सामान्य संदेशों की तुलना में 75 फीसदी ज्यादा थे।

Published on:
09 Jul 2018 11:47 am
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