
First solar eclipse of 2021
विज्ञान के अनुसार चंद्रमा के पृथ्वी व सूर्य के बीच आने पर सूर्य की रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती, इस कारण सूर्य का बिम्ब ढ़क जाने को ही सूर्यग्रहण कहा जाता है। जबकि पृथ्वी के सूर्य व चंद्रमा के बीच में आने की स्थिति को चंद्रग्रहण कहा जाता है।
वहीं भारतीय ज्योतिष के अनुसार ज्योतिषीय ग्रह Rahu द्वारा सूर्य को ग्रास कर लेने की घटना सूर्यग्रहण कहलाता है। जिसका सभी राशियों पर सकारात्मक या नकारात्मक असर होता है। जबकि चंद्रग्रहण में ज्योतिषीय ग्रह केतु द्वारा चंद्र का ग्रास किया जाता है।
ऐसे में साल 2021 का पहला Chandra Grahan वर्ष के 5वें माह में, यानि 26 मई 2021 को लगा था, वहीं अब साल का पहला सूर्य ग्रहण भी जल्द ही घटित होने वाला है। खगोलशास्त्रियों के मुताबिक, साल 2021 में 10 जून को लगाने वाला यह पहला सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण होगा।
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साल 2021 का पहला सूर्यग्रहण
जानकारी के अनुसार 2021 का पहला सूर्यग्रहण 10 जून 2021 को लगेगा। जो 13:42 बजे से शुरु होकर 18:41 बजे तक रहेगा। इसका मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका के उत्तरी भाग, यूरोप और एशिया में आंशिक व उत्तरी कनाडा, ग्रीनलैंड और रुस में दिखाई देगा।
यह ग्रहण भारत में सिर्फ अरुणाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर में कुछ हिस्सों में दिखाई देगा। बाकी किसी भी राज्य में इस ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं रहेगा। ऐसे में इसका सूतक Sutak भी कुछ जगह ही मान्य होगा।
कैसा होगा ये सूर्य ग्रहण...
10 जून 2021 को लगने वाला सूर्य ग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। वलयाकार सूर्य ग्रहण उस घटना को कहते हैं, जब चंद्र पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए, सामान्य की तुलना में उससे दूर हो जाता है। इस दौरान चंद्र Surya और पृथ्वी के बीच होता है, लेकिन उसका आकार पृथ्वी से देखने पर इतना नज़र नहीं आता कि वह पूरी तरह सूर्य की रोशनी को ढक सके।
इस स्थिति में चंद्र के बाहरी किनारे पर सूर्य काफ़ी चमकदार रूप से रिंग यानि एक अंगूठी की तरह प्रतीत होता है। इस घटना को ही वलयाकार सूर्य ग्रहण कहते है।
Jyotish shastra के अनुसार जो ग्रहण भारत में कुछ जगहों पर ही दिखाई देगा, ऐसे में इसका सूतक काल भी भारत में कुछ जगहों पर ही मान्य होगा। जिन स्थानों पर यह सूर्यग्रहण दिखाई देगा, वहां इसका प्रत्यक्ष या परोक्ष असर जनमानस पर भी पडेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि इस ग्रहण का देश की राजनीति पर भी असर होगा।
सूर्य ग्रहण 2021 का सूतक काल...
देश के जिन स्थानों पर ये सूर्य ग्रहण दिखाई देगा वहां इसका सूतक काल ( Sutak Kaal ) भी मान्य होगा। ग्रहण मान्य होने पर इसका सूतक काल सूर्य ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले लग जाएगा। इसमें कोई भी शुभ कार्य जैसे यज्ञ अनुष्ठान आदि नहीं किए जाएंगे। मंदिरों के कपाट बंद रहने के अतिरिक्त सूतक काल में और ग्रहण के दौरान केवल भगवान का भजन ही मान्य होंगे।
चंद्र ग्रहण 2021: दूसरा ...
वहीं इसके बाद 19 नवंबर 2021, शुक्रवार को साल 2021 का दूसरा चंद्रग्रहण लगेगा। जो 11:32 बजे से शुरु होकर 17:33 बजे तक रहेगा। यह आंशिक रूप से भारत, अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर के कुछ क्षेत्र दिखेगा।
ये Lunar Eclipse भी भारत में दिखाई तो देगा, लेकिन उपचाया ग्रहण के रूप में दृश्य होने के चलते, इस चंद्र ग्रहण का धार्मिक प्रभाव और सूतक यहां मान्य नहीं होगा।
सूर्य ग्रहण 2021 : दूसरा...
दूसरे चंद्रग्रहण के बाद साल का आखिरी ग्रहण सूर्य ग्रहण होगा, जो शनिवार,04 दिसंबर 2021 को लगेगा। यह एक पूर्ण सूर्य ग्रहण होगा। ये साल 2021 का दूसरा सूर्यग्रहण होगा जो 10:59 बजे से शुरु होकर 15:07 बजे तक रहेगा। यह ग्रहण अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, अटलांटिक के दक्षिणी भाग, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका में दिखाई देगा।
ये सूर्य ग्रहण भी भारत में नहीं दिखाई देगा। इसलिए भारत में इस सूर्य ग्रहण का धार्मिक प्रभाव ( Religious influence ) और सूतक मान्य नहीं होगा। इस ग्रहण के समय चंद्र,सूर्य और पृथ्वी के बीच में आकर पूरी तरह से सूर्य को ढक लेगा, जिससे सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाएगा।
Published on:
29 May 2021 12:58 pm
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