scriptBhoomi Vandana makes forgiving and patient | शास्त्रों में पृथ्वी की वंदना का महत्त्व, ऐसे समझें | Patrika News

शास्त्रों में पृथ्वी की वंदना का महत्त्व, ऐसे समझें

Published: Aug 26, 2023 01:26:20 pm

- सुबह सबसे पहले भूमि वंदना करने से आते हैं जीवन में बदलाव
- भूमि वंदना बनाती है क्षमाशील और धैर्यवान
- नए जीवन, पोषण, विकास और जमीनीपन का प्रतीक है धरा
- सनातन संस्कृति में सुबह उठते ही भूमि को दाएं हाथ से स्पर्श कर हथेली को माथे से लगाने की है परंपरा

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पृथ्वी आदरणीय है। भारतीय संस्कृति में धरती को मां कहा गया है। बात शास्त्रों की करें, तो पृथ्वी की वंदना की गई है। शास्त्रों में हमारे आराध्य के चरणों से पृथ्वी की तुलना की गई है। सुबह उठते ही धरा को दाएं हाथ से स्पर्श कर हथेली को माथे से लगाने की परंपरा है। सब धरती के ऋणी हैं। कई कार्यों को करने से पहले भूमि पूजन किया जाता है और खास मंत्रों से भूमि की प्रार्थना की जाती है। नए घर में प्रवेश करने से पूर्व देहरी की पूजा की जाती है।

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