
Remedies for seeing moon on Ganesh Chaturthi|फोटो सोर्स – Freepik
Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी का पर्व अत्यंत शुभ और मंगलकारी माना जाता है। यह दिन स्वयं भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भक्तजन विधि-विधानपूर्वक बप्पा की पूजा करते हैं और उनसे कृपा करने तथा बुद्धि देने और सारे विघ्न हरने की प्रार्थना करते हैं।इस दिन कई नियम और परंपराएं निभाई जाती हैं, जिनमें से एक है – भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को चंद्र दर्शन वर्जित माना गया है।ऐसे में सवाल यह उठता है कि चंद्र दर्शन क्यों वर्जित है, और अगर अनजाने में चंद्रमा देख लिया जाए तो इसके क्या उपाय हो सकते हैं? क्या करें जिससे दोष से बचा जा सके? आइए जानते हैं इस परंपरा से जुड़ी कुछ विशेष बातें और वह उपाय, जो चंद्रमा देखने पर किए जा सकते हैं।
गणेश चतुर्थी का त्योहार भाद्रपद मास की शुक्ल चतुर्थी को मनाया जाता है। इस दिन गणपति बप्पा की पूजा और स्थापना का विशेष महत्व है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन चंद्र दर्शन वर्जित माना गया है? दरअसल, इसके पीछे एक रोचक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है।
शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि एक बार गणेश जी अपने वाहन मूषक पर सवार होकर रात्रि में विहार कर रहे थे। अचानक मूषक को मार्ग में एक सर्प दिखाई दिया। सर्प देखकर वह डर गया और उछल पड़ा। इसी कारण गणपति जी नीचे गिर गए। यह दृश्य देखकर आकाश में बैठे चंद्र देव हंस पड़े।गणेश जी को यह व्यवहार अत्यंत अपमानजनक लगा और उन्होंने क्रोधित होकर चंद्रमा को श्राप दे दिया – "आज से तुम्हारी चमक समाप्त हो जाएगी और तुम काले पड़ जाओगे।"चंद्रमा भयभीत हो गए और देवताओं के साथ मिलकर गणेश जी से क्षमा याचना की। गणपति जी ने उनका अपराध तो क्षमा कर दिया, लेकिन श्राप पूरी तरह वापस नहीं लिया। उन्होंने कहा –"हर महीने एक समय ऐसा आएगा जब तुम्हारी रोशनी क्षीण हो जाएगी। धीरे-धीरे तुम बढ़ते रहोगे और पूर्णिमा के दिन पूर्ण प्रकाश से चमकोगे। लेकिन मेरी चतुर्थी के दिन जो कोई भी तुम्हारे दर्शन करेगा, उसे झूठे आरोप और कलंक का सामना करना पड़ेगा।"यही कारण है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन अशुभ माना जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर इस दिन भूल से भी चंद्रमा दिख जाए, तो "स्यमंतक मणि" की कथा का स्मरण करना चाहिए और यह मंत्र जप करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इस मंत्र के जाप से चंद्र दर्शन से लगने वाला दोष दूर हो सकता है।
"सिंहः प्रसेनमवधीत्सिंहो जाम्बवता हतः।
सुकुमारक मा रोदीस्तव ह्येष स्यमन्तकः॥"
Updated on:
27 Aug 2025 09:22 am
Published on:
24 Aug 2025 11:36 am
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