5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मिथुन और तुला राशि वाले रहें सावधान, आप पर शनि ढैय्या आए तो न करें ये काम

यदि आप पर है शनि की ढैय्या तो अपनाएं ये उपाय...

4 min read
Google source verification
shani upay

Shani remedies

शनिदेव को ज्योतिष में एक क्रूर ग्रह माना गया है, इसका मुख्य कारण उनके दंड के विधान के आधार पर कार्य करने को माना जाता है। दरअसल न्याय के देवता शनि आपके कर्मों के आधार पर ही फल का निर्धारण करते हैं, और इसमें भी वे दंड के विधान का ही पालन करते हैं।

ऐसे में शनि की दशाएं लोगों को तकरीबन हमेशा ही परेशान करती हैं। जिसके कारण लोग शनि से डरने लगे हैं।
जानकारों के अनुसार ज्योतिष में कुल 12 राशियां हैं और इन सभी 12 राशियों को कभी न कभी शनि की साढ़े साती और ढैय्या से गुजरना ही पड़ता है, यानि इनका समाना शनिदेव से होता है। वहीं शनि आमतौर पर हर राशि में करीब ढाई साल तक रहते हैं।

माना जाता है कि ऐसे में शनि की मजबूत स्थिति में उसके फल बहुत शुभदायक होते हैं,वहीं कमजोर स्थिति होने पर ये नकारात्मक फल प्रदान करते हैं।

पंडित सुनील शर्मा के अनुसार गोचर में जब शनि किसी राशि के चौथे या आठवें भाव में होते हैं, तब इस स्थिति को शनि की ढैय्या के रूप में जाना जाता है। ऐसे में अधिकांशत: शनि की ढैया के दौरान व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

इस समय उसके बने बनाए काम बिगड़ लगते हैं, जिसके लोग शनि का प्रकोप भी कहते हैं। कुल मिलाकर व्यक्ति का जीवन शनि के अशुभ प्रभावों से बुरी तरह से प्रभावित होता है।

वहीं सप्ताह में शनिवार का दिन शनि का माना जाता है। इस दिन विधि-विधान से शनिदेव की पूजा- अर्चना की जाती है। ऐसे में शनिवार के दिन सभी लोगों को कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, लेकिन शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से पीड़ित लोगों को विशेष ध्यान रखना चाहिए।

Must Read- सावन के शनिवार को भगवान शिव की पूजा

इन राशियों पर चल रही है शनि की ढैय्या
वर्तमान में मिथुन और तुला राशि पर शनि की ढैय्या चल रही है। इन दोनों ही राशियों पर ढैय्या 24 जनवरी 2020 में शुरू हो चुकी है, जो 29 अप्रैल 2022 में तक चलेगी। ऐसे में इन दोनों राशिवालों को अभी सावधान रहने की जरूरत है। जानकारों के अनुसार जब कभी किसी पर शनि की ढैय्या या साढ़े साती का दौर चल रहा हो तो ऐसे व्यक्ति को अत्यधिक संभलकर रहने के साथ ही ज्यादा से ज्यादा शुभ कर्मों को करने की कोशिश करनी चाहिए जिससे शनि देव उसे ज्यादा प्रताडित न करें।

न करें ये काम:

- शनि के प्रभाव से ग्रसित व्यक्ति को किसी का अपमान नहीं करना चाहिए। माना जाता है दूसरों का अपमान करने वालों से शनिदेव नाराज रहते हैं।

- चूंकि शनि का मुख्य प्रभावी दिन शनिवार माना जाता है ऐसे में शनिवार को लेकर भी कई चीजों की खास मनाही है, जिसके अनुसार शनि की दशाओं से प्रभावित व्यक्तियों के लिए कुछ कार्य वर्जित माने जाते हैं, वहीं ये कार्य अन्य सामान्य शनि के दिनों में भी तकरीबन हर किसी पर लागू होते हैं।

Must Read- शुक्र राशि परिवर्तन अगस्त 2021, किसके लिए शुभ किसके लिए अशुभ

: माना जाता है कि शनिवार के दिन सरसों का तेल नहीं खरीदना चाहिए। इससे अलग इस दिन शनिदेव पर सरसों के तेल चढ़ाना चाहिए और सरसों के तेल का दान करना चाहिए।

: वहीं शनिवार के दिन काले तिल को भी नहीं खरीदना चाहिए, इसकी जगह इस दिन इनका दान काफी शुभ माना जाता है।

: इस दिन लोहा या लोहे से बनी चीजें खरीदना भी वर्जित माना गया है। जबकि इस दिन लोहे से बनी चीजों का दान करना शुभ रहता है।

: इस दिन मांस-मदिरा को भी वर्जित माना जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से शनिदेव क्रुद्ध होकर अशुभ प्रभाव देते है।

Must read- आने वाले शुभ समय के ये हैं संकेत

शनि के कष्ट कम करने के तरीके

: शनिदेव से मिलने वाले कष्ट को कम करने के लिए देवी मां काली की पूजा खास मानी गई है। दरअसल मां काली को शनिग्रह को संचालित करने वाली देवी माना जाता है, ऐसे में माना जाता है कि शनि की कूदृष्टि से मां काली रक्षा प्रदान करती है।

: हर शनिवार पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं, वहीं इस दीपक में काले तिल डालना और भी अच्छा माना गया है। साथ ही सरसों का तेल दान भी करें।

: शनिवार को शनि चालीसा का पाठ या 108 बार शनि मंत्र का जाप करना चाहिए।

: शनिवार के दिन हनुमान चालीसा पढ़नी चाहिए, माना जाता है कि हनुमान की पूजा करने वाले को शनि सताते नहीं हैं।

: काले कुत्ते को सरसों के तेल लगी रोटी खिलानी चाहिए, इसे बाबा भैरव का वाहन माना जाता है। और माना जाता है कि बाबा भैरव के भक्तों पर भी शनिदेव अपना प्रकोप नहीं दिखाते हैं।

: काले वस्त्र, काले तिल, काली दाल आदि शनिवार को दान करें।