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Saturday Astro Tips: शनि की साढ़े साती चल रही हो या ढैय्या इस एक उपाय से प्रसन्न हो जाएंगे शनि देव, कम होंगे आपके कष्ट

Published: Mar 17, 2023 05:10:39 pm

Submitted by:

Sanjana Kumar

Saturday Astro Tips to please lord Shiva, shaniwar Ke upay, shaniwar ke Achuk Upay: दरअसल सनातन धर्म में जहां यमराज मृत्यु के देवता हैं, तो वहीं शनि भी कर्म के दंडाधिकारी हैं। ऐसे में माना जाता है कि गलती कैसे भी हुई हो जानकर या अनजाने में उसका दंड तो व्यक्ति को भोगना ही पड़ता है। यही कारण है कि शनि को लोग क्रूर ग्रह भी कहते हैं। पत्रिका.कॉम के इस लेख में ज्योतिषाचार्य पं. जगदीश शर्मा आपको बता रहे हैं शनि देव के बारे में वह सबकुछ जो नहीं जानते होंगे आप… साथ ही यह भी कि किन उपायों से शनि को खुश कर उनसे मिलने वाले कष्टों को कम किया जा सकता है….

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Saturday Astro Tips to please lord Shiva, shaniwar Ke upay, shaniwar ke Achuk Upay: हिंदू धर्म में जहां कई देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना का विधान है, वहींं देवों को उनके द्वारा किए जाने वाले कर्मों का अधिपति भी बनाया गया है। ऐसे ही एक देव हैं शनि देव। इन्हें न्याय का देवता माना जाता है। ये कर्मों के हिसाब से फल देने वाले दंड के विधान पर कार्य करते हैं। दरअसल सनातन धर्म में जहां यमराज मृत्यु के देवता हैं, तो वहीं शनि भी कर्म के दंडाधिकारी हैं। ऐसे में माना जाता है कि गलती कैसे भी हुई हो जानकर या अनजाने में उसका दंड तो व्यक्ति को भोगना ही पड़ता है। यही कारण है कि शनि को लोग क्रूर ग्रह भी कहते हैं। पत्रिका.कॉम के इस लेख में ज्योतिषाचार्य पं. जगदीश शर्मा आपको बता रहे हैं शनि देव के बारे में वह सबकुछ जो नहीं जानते होंगे आप… साथ ही यह भी कि किन उपायों से शनि को खुश कर उनसे मिलने वाले कष्टों को कम किया जा सकता है….

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तब बढ़ती हैं मुश्किलें…
यूं तो शनि के संबंध में मान्यता है कि वे अपनी चाल से या राशि में आकर व्यक्ति को उसके कर्मों का फल प्रदान करते हैं। लेकिन इसमें भी सबसे बुरी स्थिति तब मानी जाती है जब किसी को शनि की ढैया या साढ़ेसाती लगी हो या फिर कुंडली में शनि के अशुभ प्रभाव के कारण वह किसी रोग से पीडि़त हो। ऐसे में कई बार शनि के क्रूर दंड का प्रहार भी देखने को मिलता है।

शनि की कृपा बनाती है धनवान, वरना होता है ये हाल
वैसे तो शनिदेव न्याय के विधान से बंधे होने के कारण गलत कर्मों का दंड अवश्य देते हैं, लेकिन माना जाता है कुछ अनजाने में हुई गलतियों पर अत्यधिक दंड न देते हुए दंड को सामान्य कर लेते हैं। शनि देव के बारे में मान्यता है कि यदि वे किसी पर प्रसन्न हो जाएं, तो उस व्यक्ति का भाग्य चमक जाता है। उसका घर सुख समृद्धि से भर जाता है। इसके अलावा यदि शनिदेव किसी व्यक्ति पर क्रोधित हो जाएं या उनकी कुदृष्टि जिस व्यक्ति पर पड़ जाती है वह, व्यक्ति पल भर में राजा से रंक बन सकता है। यही कारण है कि शनिदेव से लोग सदैव भयभीत रहते हैं। जबकि मान्यता के अनुसार यदि व्यक्ति के कर्म अच्छे रहे हैं तो, शनि कभी भी आपको नुकसान नहीं पहुंचाता है।

 

कुंडली में शनि की स्थिति, इन लक्षणों से पहचानें
जानकारों के अनुसार यदि घर में तेल, राई, दालें आदि फैलने लगे या नुकसान होने लगे, अलमारी हमेशा अव्यवस्थित होने लगे, भोजन से बिना कारण अरुचि होने लगें, सिर और पिंडलियों में या कमर में दर्द बना रहे, परिवार में पिता से अनबन होने लगे, पढऩे-लिखने से या लोगों से मिलने से उकताहट होने लगे, चिड़चिड़ाहट होने लगे, शरीर में हमेशा थकान और आलस भरा लगे, नहाने-धोने से अरुचि हो या नहाने का वक्त ही न मिले, नए कपड़े खरीदने या पहनने का मौका न मिले, नए कपड़े और जूते जल्दी-जल्दी फटने लगें तो, यह सभी स्थितियां शनि ग्रह की अशुभता की ओर इशारा करती हैं।

शनि को खुश करने के उपाय
एक्सपर्ट कहते हैं कि शनि को प्रसन्न करने के कई उपाय हैं, लेकिन शनि की साढ़े साती या ढैया की स्थिति में या फिर कुंडली में शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए कुछ अचूक उपाय हैं, जिनमें से कुछ शनिवार को ही ट्राय किए जाएं तो शुभ और जल्दी फल देने वाले होते हैं।

– शनि के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए शनिवार के दिन काली गाय की सेवा करें। पहली रोटी उसे खिलाएं, सिंदूर का तिलक लगाएं, सींग में मौली (कलावा या रक्षासूत्र) बांधे और फिर मोती चूर के लड्डू खिलाकर उसके चरण स्पर्श करें।
– शनिवार के दिन बंदरों को भुने हुए चने खिलाएं और मीठी रोटी पर तेल लगाकर काले कुत्ते को खाने को दें।

– प्रत्येक शनिवार को वट और पीपल वृक्ष के नीचे सूर्योदय से पहले कड़वे तेल का दीपक जलाकर शुद्ध कच्चा दूध और धूप अर्पित करें।

– शनिवार को ही अपने हाथ के नाप का 29 हाथ लंबा काला धागा लेकर उसको मांझकर (बंटकर) माला की तरह गले में पहनें।
– शनि ढैया के प्रभाव में कमी के लिए शुक्रवार की रात 8 सौ ग्राम काले तिल पानी में भिगो दें और शनिवार को प्रात: उन्हें पीसकर और गुड़ में मिलाकर 8 लड्डू बनाएं और किसी काले घोड़े को खिला दें। आठ शनिवार तक यह प्रयोग करें।
– यदि शनि की साढ़ेसाती झेल रहे हैं तो, शनिवार को अंधेरा होने के बाद पीपल पर मीठा जल अर्पित कर सरसों के तेल का दीपक और अगरबत्ती लगाएं और वहीं बैठकर क्रमश: हनुमान, भैरव और शनि चालीसा का पाठ करें। फिर पीपल की सात बार परिक्रमा करें।
– हर शनिवार को हनुमानजी के दर्शन करें, प्रत्येक शनिवार को शनिदेव को तेल चढ़ाएं और दशरथकृत शनि स्रोत का पाठ करें।

 

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यह है सबसे अचूक उपाय…
एक्सपर्ट के मुताबिक शनि का सबसे अचूक उपाय शनिवार के दिन माता काली की पूजा करना माना जाता है। दरअसल माता काली को शनि ग्रह को नियंत्रित करने वाली देवी माना गया है। ऐसे में शनि के किसी भी गुस्से से बचने के लिए माता काली की शरण काफी प्रभावी मानी गई है। शनि को नियंत्रित करने वाली देवी होने के कारण इन्हें प्रसन्न करने से शनिदेव भी प्रसन्न हो जाते हैं। कुंडली में खराब होने या बुरी दशा के बावजूद उनकी आज्ञा के बिना किसी को अत्यधिक दंडित नहीं करते।

अन्य उपाय…
1- दोनों समय भोजन में काला नमक और काली मिर्च का प्रयोग करें।
2- यदि शनि की अशुभ दशा चल रही हो तो मांस-मदिरा का सेवन न करें।
3- घर के किसी अंधेरे भाग में किसी लोहे की कटोरी में सरसों का तेल भरकर उसमें तांबे का सिक्का डालकर रखें।
शनि ग्रह के दैनिक उपाय –
1. प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें।
2. सोलह सोमवार व्रत करें।
3. स्फटिक या पारद शिवलिंग पर नित्य गाय का कच्चा दूध चढ़ाएं फिर शुद्ध जल चढ़ाएं और ओम् नम: शिवाय मंत्र का जाप करें।
4. प्रदोष व्रत रखें।
5. शनि ग्रह की शांति के लिए हर शनिवार को पीपल के पेड़ मे सरसों के तेल का दीपक लगाएं।
7. शनि की होरा मे जलपान न करें, साथ ही काले कपड़े न पहने।
8. घोड़े की नाल का छल्ला पहनना चाहिए।
9. हनुमानजी के समक्ष संकटमोचन का पाठ करना चाहिए।

शनिवार को जरूर करें व्रत यहां जानें व्रत की विधि

– शनिवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके शनिदेव की प्रतिमा का विधि से पूजन जरूर करना चाहिए। शनि भक्तों को इस दिन शनि मंदिर में जाकर शनि देव को नीले लाजवंती के फूल, तिल, तेल, गुड़ अर्पित करने चाहिएं। शनि देव के नाम से दीपोत्सर्ग करना चाहिए। पूजा के बाद उनसे अपने अपराधों व जाने-अनजाने जो भी पाप हुए हों, उसके लिए क्षमा मांगें। इनकी पूजा के बाद राहु और केतु की पूजा भी करनी चाहिए। इस दिन शनि भक्तों को पीपल में जल चढ़ाना चाहिए और सूत बांधकर सात बार परिक्रमा करनी चाहिए।

– शाम को शनि मंदिर में जाकर दीप भेंट करना चाहिए। और उड़द दाल में खिचड़ी बनाकर शनि महाराज को भोग लगाना चाहिए। काली चींटियों को गुड़ और आटा देना चाहिए। इस दिन काले रंग के वस्त्र धारण करना चाहिए। श्रद्धा से व्रत करने से शनि का कोप शांत होता है।
(माना जाता है कि यह व्रत शनि गृह की अरिष्ट शांति और शत्रु भय, आर्थिक संकट, मानसिक संताप का निवारण करने के साथ ही धन धान्य और व्यापार में वृद्धि करता है।)

– ये व्रत करने वाले शुक्ल पक्ष के शनिवार विशेषकर श्रवण मास शनिवार के दिन लोह निर्मित शनि की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान कराकर धूप गंध, नीले पुष्प, फल , तिल, लौंग, सरसों का तेल, चावल, गंगाजल, दूध डाल कर पश्चिम दिशा की ओर अभिमुख होकर पीपल वृक्ष की जड़ में डाल दें।

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