शनि देव की अराधना करें: शनि देव के प्रकोप से मुक्ति पाने के लिए शनिवार के दिन शनि देव की विधि विधान पूजा करें। शनि देव की मूर्ति पर सरसों का तेल चढ़ाएं। उनके समक्ष तेल का दीपक जलाएं। पीपल के पेड़ की पूजा करें। शनिवार के दिन शनि से संबंधि वस्तुओं का दान करें। शनि चालीसा और शनि मंत्रों का जाप करें। ऐसा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं।
शनि मंत्र:
-शनि देव की कृपा प्राप्त करने और शनि की क्रूर दृष्टि से बचने के लिए इस मंत्र का जाप करें-‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः!’
-पीड़ित शनि को मजबूत करने के लिए इस मंत्र का जाप करें-‘ॐ शं शनैश्चरायै नमः!’
-आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए शनि देव के इस वैदिक मंत्र का जाप करें-‘ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शं योरभि स्रवंतु नः!’
शनिवार के दिन धतूरे की जड़ धारण करें: ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह की कृपा दृष्टि पाने के लिए धतूरे की जड़ को धारण करने की सलाह दी जाती है। अगर आप शनि ग्रह से पीड़ित हैं तो शनिवार के दिन धतूरे की जड़ को गले या हाथ में बांधकर धारण कर सकते हैं। इस जड़ी को धारण करने के बाद शनिदेव की अराधना करें।
सात मुखी रुद्राक्ष धारण करें: मान्यता है सात मुखी रुद्राक्ष धारण करने से शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और शनि के बुरे प्रभाव से छुटकारा मिलता है। इस रुद्राक्ष को सोमवार या शनिवार के दिन गंगा जल से धोकर धारण कर सकते हैं।
शनिवार का व्रत रखें: अगर शनि की दशा से पीड़ित हैं तो शनिवार के व्रत रख सकते हैं। मान्यता है जो व्यक्ति शनिवार के व्रत रखकर शनि देव की सच्चे मन से अराधना करता है उसके सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इस व्रत के पुण्य फल से घर में सुख समृद्धि आती है।
हनुमान चालीसा का पाठ: शनि देव की क्रूर दृष्टि से बचने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ अचूक उपाय है। जिन लोगों पर शनि साढ़े साती या शनि ढैय्या चल रही हो उन्हें हर शनिवार को शनि चालीसा के साथ हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। कहते हैं हनुमान जी के भक्तों को शनि देव परेशान नहीं करते।