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Shri Ram Katha Baba Bageshwar Dham : दशरथ के अलावा राम के 4 पिता कौन थे? बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री से जानिए इस अनूठी कथा का रहस्य

Dhirendra Shastri Unlocks the Mystery of Lord Rama 5 Fathers : क्या मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के 5 पिता थे? जानें अग्नि देव, राजा दशरथ, जटायु और महर्षि विश्वामित्र को क्यों दिया जाता है राम के पिता का दर्जा। रामचरितमानस से जुड़ी यह अनूठी और भावनात्मक कहानी पढ़कर आप चकित रह जाएंगे।

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भारत

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Manoj Vashisth

Nov 25, 2025

Shri Ram Katha Baba Bageshwar Dham

Shri Ram Katha Baba Bageshwar Dham : बाबा बागेश्वर ने बताया रहस्य: राम जी के दूसरे पिता अग्नि देव, जटायु समेत कौन-कौन हैं? (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)

Shri Ram Katha Baba Bageshwar Dham : सनातन धर्म के सबसे पूज्य देवों में से एक, मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जीवन असंख्य रिश्तों और भावनाओं का संगम है। हम सभी उन्हें राजा दशरथ के पुत्र के रूप में जानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि शास्त्रों और लोक मान्यताओं में राम जी के पांच ऐसे 'पिता तुल्य' संबंध बताए गए हैं, जिन्होंने उनके जीवन को गढ़ा? यह अवधारणा केवल जैविक रिश्ते तक सीमित नहीं है, बल्कि उस अटूट जिम्मेदारी, समर्पण और बलिदान को दर्शाती है जो इन विभूतियों ने राम जी के प्रति निभाई। अग्नि देव से लेकर जटायु, विश्वामित्र और अन्य महत्वपूर्ण पात्रों तक—आइए, उस अनोखे आध्यात्मिक और भावनात्मक सत्य की खोज करते हैं जिसके कारण राम जी को पांच पिताओं का आशीर्वाद प्राप्त हुआ। बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी एक कथा के दौरान भगवान श्री राम के पांच पिता के समान लोगों के बारे में बताया है।

राम जी के पांच पिता : Dhirendra Shastri Unlocks the Mystery of Lord Rama 5 Fathers

राम जी के पांच पिता : ये सुनकर पहले तो अजीब लगता है? लेकिन ये सच है, मानना थोड़ा मुश्किल जरूर है। चलो, एक-एक करके बात करते हैं। सबसे पहले, अग्नि देव। क्योंकि वही हैं, जिनसे खीर प्रकट हुई थी, और उसी वजह से राम जी का जन्म हुआ। इसी कारण से अग्नि देव को राम जी के पिता का दर्जा मिलता है।

दूसरे पिता : दशरथ जी। वही तो हैं, जिन्होंने राम जी का पालन-पोषण किया, अपना सब कुछ राम जी के लिए न्यौछावर कर दिया।

अब तीसरे पिता की बात करें—जटायु। जब युद्ध के दौरान दशरथ जी मूर्चित हो गए थे, जटायु ने अपने पंखों से उनकी चेतना वापस लाई। जटायु ने दशरथ जी का हाथ पकड़ा और कह दिया, “आपके चार पुत्र होंगे।” उस वक्त दशरथ जी के पास कोई संतान नहीं थी, फिर भी जटायु ने ये कहकर भरोसा दिलाया।

बाबा बागेश्वर धीरेंद्र शास्त्री ने कहा , फिर, जब दशरथ जी का निधन हुआ, राम जी ने उनकी अंतिम क्रिया नहीं की थी। लेकिन जटायु की जब मृत्यु हुई, तब राम जी ने पूरी श्रद्धा से उनका अंतिम संस्कार किया। वहीं से जटायु को भी पिता का दर्जा मिला

अब चौथे पिता—विश्वामित्र। जब दशरथ जी ने राम और लक्ष्मण को विश्वामित्र के साथ भेजा, तो उन्होंने कहा, “आज से आप ही इनके पिता हैं।” मतलब जिम्मेदारी सौंप दी थी।

पांचवे पिता—ये वो लोग हैं, जिन्होंने राम जी के जीवन में पिता की तरह भूमिका निभाई। ये बातें मैंने अपने अनुभव से बताई हैं, किताबों में शायद न मिलें। जितना जान सको, उतना जानना अच्छा है। चिंता मत करो, घर में चार लोग होंगे तो एक राम जी जैसा जरूर होगा।