पंडित संतोष पांडे के अनुसार नवरात्र ( Navratri ) नवशक्तियों से युक्त होते हैं और हर शक्ति का अपना-अपना अलग महत्व है। इन दिनों में दुर्गा सप्तशती में कुछ ऐसे सिद्ध मंत्र हैं, जिनके द्वारा हम अपनी मनोकामना की पूर्ति कर सकते हैं।
माना जाता है कि नवरात्र ( chaitra Navratri ) में शुद्ध-पवित्र आसन ग्रहण कर रुद्राक्ष, तुलसी या चंदन की माला से मंत्र का जाप एक माला से पांच माला तक पूर्ण कर अपना मनोरथ कहें। पूरे नवरात्र जाप करने से मनोवांच्छित कामना अवश्य पूरी होती है।
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साथ ही ताना जाता है कि इन मंत्रों का विधिनुसार जाप करने से देवी माता पापों और कष्टों को दूर कर आशीर्वाद प्रदान करतीं हैं। नवरात्रि में संयमपूर्वक की गई प्रार्थना और भक्ति माता स्वीकार करती हैं और साथ ही अपने भक्तों के कष्टों का निवारण करते हुए उन्हें मोक्ष प्राप्ति का मार्ग ( signals ) दिखाती है।
देवी मां को प्रसन्न करने के लिए करें- कोई भी एक उपाय…
1. जीवन में कोई परेशानी चल रही हो, तो दुर्गा बीज मंत्र का जाप करें जो इस प्रकार है – “ऊँ ह्रीं दुं दुर्गायै नम:”
इस मंत्र का रोजाना एक माला यानि 108 बार जाप करना फलदायी सिद्ध होता है।
2. नवरात्रि के सभी नौ दिनों में मां दुर्गा ( Goddess temple ) का जाप करते समय उन्हें ‘जपापुष्प’ का फूल अर्पित करें। ऐसा करने से देवी प्रसन्न होती हैं।
3. मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए चंडी पाठ या फिर दुर्गा सप्तशती पाठ का बेहद महत्व बताया जाता है। यह दोनों ही पाठ यदि कोई नवरात्रि के सभी नौ दिनों में नियमानुसार पढ़ ले तो उस पर मां दुर्गा की अपार कृपा होती है।
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4. गरीब बच्चियों को खुश करने या उन्हें भोजन-कपड़े इत्यादि दान किए जाने से भी देवी ( Goddess Durga ) प्रसन्न होती हैं।
5. गरीबों बच्चों के अलावा भूखे-प्यासे जानवरों की मदद करने से भी मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं। किसी जानवर या पक्षी, किसी की भी सेवा करने वाले पर देवी कृपा करती हैं।
6. मां दुर्गा का एक ऐसा भक्त जो छल, कपट, लोभ से दूर है, देवी उसके ऊपर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखती हैं।
7. मासिक दुर्गाष्टमी (Durga Astami ) या फिर नवरात्रि का उपवास करने से भी मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं। इस व्रत को करने की विधि और नियम भी कठिन नहीं होते। ऐसे में यदि सच्चे मन इसे किया जाए तो व्रत सफल होता है और देवी प्रसन्न होकर मनोकामना पूर्ण करती हैं।
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हर निश्चित कार्य के लिए एक खास मंत्र… ( Hindu Goddess )
1. सर्वकल्याण के लिए-
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्येत्र्यंबके गौरी नारायणि नमोस्तुऽते॥
2. आरोग्य एवं सौभाग्य प्राप्ति के लिए-
देहि सौभाग्यं आरोग्यं देहि में परमं सुखम्। रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषोजहि॥
3. बाधा मुक्ति एवं धन-पुत्रादि प्राप्ति के लिए-
सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो धन धान्य सुतान्वितः। मनुष्यों मत्प्रसादेन भवष्यति न संशय॥
4. सुलक्षणा पत्नी प्राप्ति के लिए-
पत्नीं मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्। तारिणीं दुर्ग संसारसागस्य कुलोद्भावाम्।।
5. दरिद्रता नाश के लिए-
दुर्गेस्मृता हरसि भतिमशेशजन्तो: स्वस्थैं: स्मृता मतिमतीव शुभां ददासि।
दरिद्रयदुखभयहारिणी कात्वदन्या सर्वोपकारकरणाय सदार्द्रचित्ता।।
6. शत्रु नाश के लिए-
ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टारनां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्वाम् कीलय बुद्धिम्विनाशाय ह्रीं ॐ स्वाहा।
7. सर्वविघ्ननाशक मंत्र-
सर्वबाधा प्रशमनं त्रेलोक्यस्यखिलेशवरी। एवमेय त्वया कार्य मस्माद्वैरि विनाशनम्॥
8. ऐश्वर्य प्राप्ति एवं भय मुक्ति मंत्र-
ऐश्वर्य यत्प्रसादेन सौभाग्य-आरोग्य सम्पदः। शत्रु हानि परो मोक्षः स्तुयते सान किं जनै॥
9. विपत्तिनाशक मंत्र-
शरणागतर्दिनार्त परित्राण पारायणे। सर्वस्यार्ति हरे देवि नारायणि नमोऽतुते॥
कुछ अन्य खास मंत्र:
मां दुर्गा की हर पूजा लाभकारी फल देने वाली हैं। लेकिन मां दुर्गा के कुछ ऐसे मंत्र भी हैं जिनके जाप से हर तरह की बाधा से छुटकारा पाया जा सकता है।
1. ‘ॐ ह्रीं दुं दुर्गायै नमः’ – यह मंत्र हर तरह की सिद्धियों को प्राप्त करने में सहायक होता है।
2. ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ॐ’ – यह मां दुर्गा का सबसे प्रसिद्ध मंत्र है। इस मंत्र का उच्चारण देवी मां के कई समारोह जैसे जागरण, भजन, हवन के दौरान किया जाता है।
3. गौरी मंत्र- ‘हे गौरी शंकरार्धांगी। यथा त्वं शंकर प्रिया। तथा मां कुरु कल्याणी, कान्त कान्तां सुदुर्लभाम्।।’ इस मंत्र के जाप से मनचाहा पति मिलता है।
4. ‘सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।’ इस मंत्र से व्यक्ति का कल्याण होता है। और वह तमाम दुखों से छुटकारा पाकर मोक्ष प्राप्त करता है।
5. आकर्षण बढ़ाने के लिए- ‘ओम क्लिंग ज्ञानिनामपि चेतांसि देवी भगवती ही सा, बालदक्ष्य मोही महामाया प्रार्थना ।”