scriptJyotish Shastra- क्या आप जानते हैं तिथियों का ये गणित, जानें क्या कहती है आपकी जन्म तिथि? | The hindi tithi of birth of a person tells a lot about him | Patrika News

Jyotish Shastra- क्या आप जानते हैं तिथियों का ये गणित, जानें क्या कहती है आपकी जन्म तिथि?

locationभोपालPublished: Dec 02, 2021 04:39:21 pm

Indian Jyotish : मनुष्य के जीवन पर तिथियों का भी विशेष प्रभाव पड़ता है।

hindu tithi effects

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Jyotish Shastra : ज्‍योतिष के संबंध में ये माना जाता है कि ये वेदों जितना ही प्राचीन है। भारतीय ज्योतिष में हिंदी कैलेंडर व पंचांग का अत्यधिक महत्व माना जाता है। इसी पंचांग से जन्म लेने वाले जातक की जन्म की तिथि (हिंदी तिथि) निर्धारित होती है। जो व्यक्ति के व्यक्तित्व को लेकर तमाम बातें सामने लाती है।

भारतीय ज्योतिष में जन्म की हर हिंदी तिथि, जन्म लग्न, राशि और हर नक्षत्र का अपना विशेष फल बताया गया है। ज्योतिष के जानकार एके शुक्ला के अनुसार ज्योतिष के अनुसार व्यक्ति का जिस लग्न, राशि या नक्षत्र में जन्म होता है, उसी से संबंधित फल उस व्यक्ति के व्यक्तित्व और स्वभाव में देखने को मिलता है।

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वहीं किसी जातक के जन्म का मास भी उससे जुड़ी कुछ विशेष बातों के बारे में बताता है। यहां ये बात खास है कि हर मास की तिथि व पक्ष में भी इन गणनाओं में बदलाव देखने को मिलता है। तो आइये जानते हैं ज्योतिष के अनुसार विभिन्न तिथियों में जन्म होने फल-

1. प्रतिपदा तिथि ( Farst day on hindi month)- माना जाता है कि प्रतिपदा में जन्म लेने वाला जातक यदि सर्जन, सैन्य विभाग, पुलिस आदि में काम करते हैं तो बहुत सफल रहते हैं। धन को लेकर संघर्षशील ऐसे व्यक्ति मन के अनुसार कार्य करने वाले होने के साथ ही परिवार का सहयोग न के बराबर करते हैं। ये यदि अनुशासित न रहें, तो जल्द ही नशे की आदत पड़ जाते हैं। वहीं ऐसे जातक कठोर मन वाले होते हैं।

2. द्वितीया तिथि– द्वितीया में जन्म लेने वाले व्यक्ति जिसे भी अपना आदर्श मानते हैं, उनके आचरण को अपने जीवन में उतार लेते हैं। ऐसे जातक तकनीकी व लग्जरी से जुड़े कार्यों को करने में विशेष महारत रखते हैं। इनमें पैदाइशी फैशन का ज्ञान होता है।

3. तृतीया तिथि- तृतीया में जन्म लेने वाले जातको को अधिकांशत: आर्थिक सम्पन्नता के लिए संघर्ष करना पड़ता है। ऐसे जातक शिक्षा समय में जिस विषय का अध्ययन करते हैं, कॅरियर में अधिकतर उस ज्ञान का प्रयोग नहीं कर पाते हैं। और अकसर देखने में आता है कि ऐसे जातक किसी अन्य क्षेत्र में ही अपना कॅरियर बना लेते हैं।

4. चतुर्थी तिथि- जो जातक चतुर्थी तिथि में जन्म लेते हैं वे अपनी मां से अत्यधिक प्रेम करते हैं। मित्रों से स्नेह करने वाले ये जातक अधिक सुखों का भोग करने वाले व दानी होते हैं। ऐसे जातक अधिकतर धनी,विद्वान और संतान से युक्त होते हैं।

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5. पंचमी तिथि- पंचमी तिथि में जन्म लेने वाले जातक हर परिस्थिति में प्रसन्न रहते हैं। ऐसे जातक माता-पिता की सेवा करने वाले होने के साथ ही व्यावहारिक, गुणों को ग्रहण करने वाले, सदैव प्रयत्नशील व दानी भी होते हैं।

6. षष्ठी तिथि- षष्ठी तिथि में जन्म लेने वाले व्यक्ति व्यावसायिक मानसिकता वाले होने के साथ ही खुद के लाभ को खास वरीयता देते हैं। ऐसे जातक अंशकालिक (पार्ट टाइम) काम करने के इच्छुक होने के साथ ही काफी यात्रा करने वाले भी होते हैं।

7. सप्तमी तिथि- सप्तमी तिथि में जन्म लेने वाले जातकों की संतान सुख देने वाली होती है। वहीं यदि इनके स्वभाव की बात करें तो यह तेजस्वी, संतोषी, सौभाग्य से युक्त व कई तरह के गुणों से युक्त होते हैं। आर्थिक रूप से मजबूत होने के साथ ही इन्हें पैतृक संपत्ति भी प्राप्त होती है।

8. अष्टमी तिथि- अष्टमी तिथि में जन्मे जातकों को हर विषय का ज्ञान होने के बावजूद ये किसी विषय में पारंगत नहीं हो पाते। ये धार्मिक होने के चलते प्रयास करते हैं कि झूठ न बोलें। ऐसे जातक दयालु होने के साथ ही दूसरों की मदद करने वाले भी होते हैं।

9. नवमी तिथि- नवमी तिथि में जन्म लेने वाले जातकों को अपने परिवार और बच्चें से अत्यधिक प्रेम होता है। ऐसे जातक लगातार शास्त्रों का अध्ययन करते हैं। ये धार्मिक होने के साथ ही इनकी कर्मकांड और पूजा-पाठ में खास रूचि होती है।

10. दशमी तिथि- दशमी तिथि में जन्म लेने वाले जातक आत्मिक रूप से सुखी होते हैं। ऐसे व्यक्ति अपने कार्यों को कराने के लिए सदैव व्यक्तियों की खोज में रहते हैं। यह अच्छे प्रबंधक होने के साथ ही सामाजिक कार्यक्रमों को बहुत अच्छी तरह से संचालित करते हैं।

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11. एकादशी तिथि- एकादशी तिथि में जन्म लेने वाले जातक वाणी (कई बार) से कठोर होने पर भी हृदय से कोमल ही रहते हैं। समय-समय पर दान-पुण्य करने वाले ये जातक थोड़े में ही संतुष्ट हो जाते हैं। इसका कारण ये है कि इनमें अत्यधिक प्राप्ति की लालसा नहीं होती है।

12. द्वादशी तिथि- द्वादशी तिथि में जन्म लेने वाले जातक कभी शांत नहीं बैठते और बुद्धि के चंचल होने के कारण इनके मस्तिष्क में हमेशा कुछ न कुछ चलता रहता है। ऐसे जातक जहां आर्थिक योजना बनाने में तीव्र होते हैं। वहीं ये दूर शहर व देशों की यात्रा में रूचि भी रखते हैं।

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13. त्रयोदशी तिथि- त्रयोदशी तिथि में जन्म लेने वाले जातकों को साधक की श्रेणी में रखा जाता है। यह अपने मन पर पूरी तरह से काबू रखने के साथ ही विद्यार्थी जीवन से लेकर कॅरियर तक खुब मेहनत करते हैं। यह बुद्धिमान होने के साथ ही प्रबंधन क्षमता में भी अपनी अच्छी पकड़ रखते हैं।

14. चतुर्दशी तिथि- चतुर्दशी तिथि को यूं तो जन्म की दृष्टि से श्रेष्ठ नहीं माना जाता है, लेकिन इस दिन जन्म लेने वाले जातक धनी होने के साथ ही थोड़े से कर्म से अधिक लाभ प्राप्त कर लेते हैं। समाजसेवा से जुड़े कार्यों में ये बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं। वहीं अच्छे कार्यों के लिए सम्मानित भी होते हैं।

15. पूर्णिमा तिथि- पूर्णिमा तिथि में जन्मे जातक अपनी समस्याओं को जल्दी किसी को नहीं बताते। अच्छी संगत वाले ये जातक सदैव मन से खुश रहने के साथ ही कभी अकेले भोजन करना पसंद नहीं करते हैं। सामान्यत: जीवन में पैसे को लेकर ऐसे जातकों को दिक्कतें न के बराबर आती हैं।

16. अमावस्या तिथि- अमावस्या के दिन जन्म लेने वाले जातक कार्य की शुरुआत धीरे-धीरे करते हैं। अत्यधिक क्रोधी होने के कारण कई बार इन्हें अच्छे-बुरे का ज्ञान नहीं रह जाता है। वहीं ऐसे जातक एक बार मन में जिस व्यक्ति से नाराज हो जाते हैं, उसके प्रति मन में गांठ बांध लेते हैं। किसी भी कार्य को नियमानुसार और अच्छे तरीके से करना ही इनका मुख्य उद्देश्य होता है।

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