scriptनवरात्रि में क्यों प्रज्वलित की जाती है अखण्ड ज्योति, साथ ही जानिए इस जलाने के नियम | Why Is The Akhand Jyoti Lit In Navratri And Know The Rules of Burning | Patrika News

नवरात्रि में क्यों प्रज्वलित की जाती है अखण्ड ज्योति, साथ ही जानिए इस जलाने के नियम

locationनई दिल्लीPublished: Apr 02, 2022 09:34:42 am

Submitted by:

Tanya Paliwal

नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से पहले आपको मन में संकल्प लेकर मां दुर्गा से इस संकल्प को पूरा करने का आशीर्वाद मांगना है। साथ ही श्री गणेश, भोलेनाथ और मां दुर्गा का ध्यान करके…

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नवरात्रि में क्यों प्रज्वलित की जाती है अखण्ड ज्योति, साथ ही जानिए इस जलाने के नियम

हमारे जीवन में प्रकाश का बहुत महत्व होता है। प्रकाश को ज्ञान का प्रतीक माना गया है। वहीं पूजा-पाठ से लेकर किसी समारोह का शुभारंभ भी दीप प्रज्वलन के साथ ही किया जाता है। हिंदू धर्म के खास पर्व नवरात्रि में भी 9 दिनों तक जलने वाली अखंड ज्योति का प्रज्वलन बहुत शुभ माना जाता है। तो आइए जानते हैं कि नवरात्रि में अखंड ज्योति क्यों प्रज्वलित की जाती है और इसे जलाने में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए…

क्यों प्रज्वलित की जाती है अखंड ज्योति

मां दुर्गा को समर्पित नवरात्रि पर्व में अखंड ज्योति इसलिए जलाई जाती है क्योंकि माना जाता है कि इस ज्योति के प्रकाश से आपके घर-परिवार की सभी समस्याओं का अंत होने के साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसके अलावा जो भक्तजन नौ दिनों तक बिना बुझे अखंड ज्योति जलाता है उसे मां अंबे आशीर्वाद देकर उसके जीवन में हमेशा प्रकाश बनाए रखती हैं।

 

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अखण्ड ज्योति जलाने के नियम

1. नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने से पहले आपको मन में संकल्प लेकर मां दुर्गा से इस संकल्प को पूरा करने का आशीर्वाद मांगना है। साथ ही श्री गणेश, भोलेनाथ और मां दुर्गा का ध्यान करके ‘ओम जयंती मंगला काली भद्रकाली कृपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते’ मंत्र का जाप करना चाहिए।

 

2. अखण्ड दीपक को कभी भी जमीन पर रखें। इसे हमेशा किसी लकड़ी के पट्टे पर लाल वस्त्र बिछाकर ही रखें। यदि घर में लकड़ी का पट्टा मौजूद नहीं है तो धरती पर अष्टदल बनाकर उस पर अखंड दीपक जला सकते हैं।

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3. यह अखंड ज्योति घर परिवार में सुख-शांति और समृद्धता की प्रतीक मानी जाती है। इसलिए 9 दिनों तक कभी भी इसे ना ही बुझने दें और ना ही अकेला छोड़ें। अगर आपको काम से बाहर जाना भी है तो घर का कोई ना कोई सदस्य अखंड ज्योति की देखभाल के लिए जरूर रुकना चाहिए।

4. यह बात भी ध्यान रखें कि नवरात्रि के 9 दिन पूरे होने के बाद अखंड ज्योति को स्वयं ना बुझाएं, बल्कि अपने आप ही बुझने दें।

5. अखंड ज्योति गाय के घी से ही प्रज्वलित करना शुभ माना जाता है। अगर गाय का घी नहीं है तो आप अन्य किसी घी का भी उपयोग कर सकते हैं। घी से जलाई हुई अखंड ज्योति को मां दुर्गा के दाईं रखें। यदि दीपक में सरसों का तेल है तब इस अखण्ड ज्योति को देवी के बाईं ओर रखना चाहिए।

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