आयुष्मान अपनी सफलता से खुश हैं और सफलता का श्रेय गुरुजनों और माता-पिता को देते हैं। वह बताते हैं, मैं सोशल मीडिया से दूर हूं। सोशल मीडिया पर तो कभी भी जा सकते हैं, लेकिन पढ़ाई का लक्ष्य पूरा नहीं हो सकता है, इसलिए मैंने पढ़ाई को प्राथमिकता दी है। आयुष्मान अपनी जुड़वा बहन आयुशी के साथ पढ़ाई करता था, और वह अब इंजीनियर बनना चाहता है। माध्यमिक शिक्षा मंडल परीक्षा का नतीजा बुधवार को जब आया, तब आयुष्मान के पिता अपनी ड्यूटी पर थे। उन्हें बेटे की सफलता का पता चला तो वह खुशी से उछल पड़े। आयुष्मान के परिवार की खुशी उस समय दोगुनी हो गई जब उसकी बहन आयुशी ने भी 10वीं की परीक्षा में 92 प्रतिशत अंक हासिल किए।
आयुष्मान की मां बरखा को बेटे की आगे की पढ़ाई की चिंता है। वह कहती हैं, आगे की पढ़ाई कैसे होगी, क्योंकि पैसे नहीं हैं। अभी तो घर खर्च बड़ी मुश्किल से चल पाता है। आयष्मान दूसरों की दुकान बैठकर अपना खर्च निकालता था। बेटा बड़ा इंजीनियर बने यही इच्छा है। सागर के मोहननगर वार्ड की तंग गली में आधे कच्चे-पक्के मकान में रहने वाले आयुष्मान के घर आने-जाने वालों का मजमा लगा हुआ है। कोई उनके साथ सेल्फी लेना चाह रहा है तो कोई उनकी सफलता की कहानी जानने बेतब है। क्योंकि आयुष्मान एक उदाहरण बन सके हैं।
उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश बोर्ड के 10वीं और 12वीं के परिणाम बुधवार को घोषित कर दिए गए। हायर सेकेंडरी (12वीं) में 72.37 प्रतिशत और हाईस्कूल (10वीं) में 61.32 प्रतिशत विद्यार्थी सफल हुए हैं। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विद्यार्थियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।