
(सोर्स: सोशल मीडिया)
MP News: शहरी क्षेत्र में भवन निर्माण की अनुमति लेने की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी बनाने के लिए ऑटोमेटेड बिल्डिंग परमिशन अप्रूवल सिस्टम (एबीपीएएस) लागू है। इसके बावजूद व्यवस्था पारदर्शी नहीं बन पाई है। रीवा शहर में छह वर्ष पहले से शुरू हुई इस प्रक्रिया के तहत अब तक नगर निगम ने महज आठ हजार भवन अनुज्ञा यानी नक्शा पास कराने की प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन की गई है। इस योजना के साथ ही दावा किया गया था कि अब शहर के हर भवन निर्माण की अनुमति अनिवार्य होगी।
इस बीच चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। इसमें एबीपीएएस लागू होने के बाद शहर में 25 हजार से अधिक संख्या में नए भवन बन गए और उनकी अनुज्ञा नगर निगम जारी नहीं कर पाया। इससे व्यवस्था सवालों के घेरे में है। रीवा शहर में वर्तमान में कुल संपत्तियों की संख्या 88374 है। एबीपीएएस लॉन्च होने के पहले शहर की संपत्ति 55019 थी। इधर बीते छह वर्षों में 33 हजार 355 नई संपत्तियां सामने आई हैं, जिसमें नगर निगम ने एबीपीएएस के माध्यम से केवल 8033 को ही भवन अनुज्ञा दी है। इस तरह से करीब हजार की संख्या में ऐसे भवन बने हैं, जिनकी कोई जानकारी नगर निगम के पास नहीं है।
नगर निगमों में भवन अनुज्ञा जारी करने के लिए एबीपीएएस एक अक्टूबर 2019 से लागू हुआ है। इस योजना के छह वर्ष पूरे होने के बाद प्रदेश स्तर पर की गई समीक्षा में इसकी कई अच्छाइयों के साथ ही खामियां भी सामने आई हैं, जिसके बाद नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव ने रीवा सहित सभी नगर निगमों के आयुक्तों को निर्देशित किया है कि एबीपीएएस से जारी होने वाली भवन अनुज्ञा की समीक्षा करें।
बता दें कि इस योजना के तहत किसी भी नए मकान, दुकान या व्यावसायिक भवन के निर्माण के लिए भवन अनुज्ञा प्राप्त करने पोर्टल पर लॉग इन कर जरूरी दस्तावेज़ और नक्शा अपलोड करना होता है।
एबीपीएएस के आंकड़ों में रीवा संभाग की स्थिति ठीक नहीं है। यहां 324825 संपत्तियां हैं। योजना शुरू होने के पहले 187749 संपत्तियां थीं। बीते छह वर्षों में 141552 संपत्तियां सामने आई हैं, जिसमें 20199 को ही अनुज्ञा दी गई है। वहीं दूसरे संभागों में इंदौर ने 72160 , भोपाल ने 32716 , जबलपुर ने 47415 और उज्जैन ने 56035 बिल्डिंग दिए हैं।
शहर में तेजी के साथ अवैध कॉलोनियां विकसित हो रही हैं। हाल के दिनों में रीवा नगर निगम ने इन पर नकेल कसने का प्रयास भी किया है। नगर निगम आयुक्त सौरभ सोनवणे का कहना है कि अवैध कॉलोनियों पर रोक लगाने के लिए लगातार कार्रवाई चल रही है। कई कॉलोनाइर पर एफआइआर भी हुई है। साथ ही एबीपीएएस के माध्यम भवन अनुज्ञा की प्रक्रिया समय पर पूरी कराने का निर्देश है।
Updated on:
23 Oct 2025 12:41 pm
Published on:
23 Oct 2025 12:38 pm
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