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बड़ा निर्णय: पीएचडी की प्रवेश परीक्षा में शामिल हो सकेंगे एलायड विषय के छात्र

विश्वविद्यालय प्रशासन ने लिया निर्णय...

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रीवा

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Ajit Shukla

Oct 02, 2018

Academic Council decision of Rewa APSU, allied subject include in PhD

Academic Council decision of Rewa APSU, allied subject include in PhD

रीवा। अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय की पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया से बाहर हुए एलायड विषय के छात्रों के लिए राहतभरी खबर है। अब वह न केवल पीएचडी प्रवेश प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे, बल्कि प्रवेश लेकर शोध की पढ़ाई भी कर सकेंगे। एलायड विषय के छात्रों की एंट्री पर विश्वविद्यालय के विद्वत परिषद ने अपनी मुहर लगा दी है, अब केवल कार्यपरिषद से सहमति लेना है।

मूल विषयों के समक्ष माना गया एलायड विषय
विश्वविद्यालय में अभी हाल में बुलाई गई विद्वत परिषद की बैठक में पीएचडी की प्रवेश परीक्षा में एलायड विषय के छात्रों को शामिल किए जाने का प्रस्ताव रखा गया। इसके पीछे उच्च शिक्षा विभाग के उस आदेश का हवाला दिया गया, जिसमें एलायड विषय को जुलॉजी व बॉटनी के समकक्ष माना गया है। तर्कों के आधार पर विद्वत परिषद ने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

वंचित छात्रों को शामिल होने मिलेगा मौका
योजना के मुताबिक, विद्वत परिषद के इस निर्णय को कार्यपरिषद से सहमति के बाद इसी सत्र से एलायड विषय के छात्रों को पीएचडी की प्रवेश परीक्षा में शामिल किया जाएगा। वंचित छात्रों को प्रक्रिया में शामिल होने के लिए आवेदन करने का मौका दिया जाएगा। विश्वविद्यालय प्रशासन इसके लिए बाकायदा अलग से विज्ञापन भी जारी करेगा।

यूजीसी के नियम का हवाला देकर किए गए थे बाहर
पीएचडी की प्रवेश प्रक्रिया से एलायड विषय के छात्रों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों का हवाला देकर बाहर किया गया था। शोध संचालनालय के अधिकारियों का कहना था कि यूजीसी के नियमों के मुताबिक छात्र किसी दूसरे विषय के प्रोफेसर के निर्देशन में शोध नहीं कर सकता है। तर्क रहा है कि पंजीकृत शोध निर्देशकों की सूची में एलायड विषयों के प्रोफेसर नहीं है, इसलिए एलायड विषय के छात्र प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकेंगे।

मूल विषय के प्रोफेसर के निर्देशन में करेंगे शोध
विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद से हरी झंडी मिलने के बाद एलायड विषय के छात्र मूल विषय के प्रोफेसर के निर्देशन में शोध कर सकेंगे। उदाहरण के तौर पर बोया केमेस्ट्री, बायो टेक्नोलॉजी, बायो इंफॉर्मेटिक्स व माइक्रो बायोलॉजी जैसे एलायड विषयों के छात्र जुलॉजी व बॉटनी विषय के प्रोफेसर के निर्देशन में शोध कर सकेंगे। पहले इन एलायड विषयों को जुलॉजी बॉटनी विषय से इतर मानते हुए इनके प्रोफेसर के निर्देशन में शोध करना प्रतिबंधित कर दिया गया था।

फैक्ट फाइल
26 विषयों के लिए प्रवेश परीक्षा
743 सीट विभिन्न विषयों में हैं रिक्त
3000 से अधिक आए हैं आवेदन