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मुख्यमंत्री बोले-पोलियो मुक्त होगा प्रदेश, शिशुओं को लगवाएं यह भी टका, बच्चों की स्वास्थ्य रहेगी सेहत

कमिश्नर ने कहा पहला चरण 2 दिसम्बर 2019 से संचालित किया गया था। शेष तीन चरण क्रमश: 6 जनवरी, 3 फरवरी और 2 मार्च से संचालित किए जाएंगे अभियान

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रीवा

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Rajesh Patel

Jan 05, 2020

pals polio abhiyaan 2019

pals polio abhiyaan 2019

रीवा. सघन मिशन इन्द्रधनुष अभियान के तहत प्रदेश के 43 जिलों में शून्य से 5 वर्ष तक की आयु के बच्चों का टीकाकरण किया जाना है। इसके लिए चार चरण निर्धारित किए गए हैं। पहला चरण 2 दिसम्बर 2019 से संचालित किया गया था। शेष तीन चरण क्रमश: 6 जनवरी, 3 फरवरी और 2 मार्च से संचालित किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने पोलियो मुक्त प्रदेश बनाने किया आह्वान
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सभी मंत्री, विधायकों, सांसदों, नगर निगम अध्यक्ष, जिला पंचायत अध्यक्ष, जनपद पंचायत अध्यक्ष, पार्षदगणों तथा सरपंचों से सघन मिशन इन्द्रधनुष अभियान में सक्रिय सहभागिता का आव्हान किया है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार प्रदेश को पोलियो मुक्त एवं जच्चा-बच्चा टिटनेस मुक्त कराने में आप सभी का सक्रिय योगदान प्राप्त हुआ था उसी प्रकार दोगुने उत्साह एवं ऊर्जा के साथ नौनिहालों को वैक्सीन रोधक जानलेवा बीमारियों से निजात पाने के लिए अभियान को संरक्षण एवं संवर्धन प्रदान कर वर्ष 2023 तक मीजल्स-रूबेला मुक्त प्रदेश बनाने में सहयोग करें।

मुक्ति के लिए शिशुओं का पूर्ण टीकाकरण कराएं
कमिश्नर डॉ अशोक कुमार भार्गव ने मुख्यमंत्री की अपील के परिप्रेक्ष्य में संभाग सभी जिलों के कलेक्टर, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, खण्ड चिकित्सा अधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को सघन मिशन इन्द्रधनुष अभियान को सफल बनाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मीजल्स-रूबेला बीमारी से मुक्ति के लिए शिशुओं का पूर्ण टीकाकरण कराएं। शत-प्रतिशत गर्भवती महिलाओं एवं जन्में शिशुओं का आंगनवाड़ी में पंजीयन सुनिश्चित कराएं।

टीका 5 से 6 वर्ष के बीच में लगाया जाता
कमिश्नर ने कहा कि पहला टीका जन्म के समय, दूसरा डेढ़ माह में, तीसरा ढाई माह में, चौथा साढ़े तीन माह में, पांचवा 9 से 12 माह के बीच, छठवां 16 से 24 माह के बीच और सातवां टीका 5 से 6 वर्ष के बीच में लगाया जाता है। सभी टीके सुरक्षित, असरकारक और बीमारी से बचाव की गारंटी हैं। परिजन अपने बच्चों को भय एवं भ्रांतियों से मुक्त होकर आयोजित टीकाकरण सत्र स्थलों में पहुंचकर नि:शुल्क टीके लगवाएं। कमिश्नर ने कहा कि टीके बाल्य एवं शिशु मृत्यु, बाल विकलांगता, कुपोषण दर, महामारी रोकथाम एवं बीमारी निर्मूलन में सहायक हैं और यह परिवार के आर्थिक बोझ में कमी लाते हैं।