जिले में स्थित के चिरहुला मंदिर में सबसे ज्यादा श्रद्धालु उमड़ते हैं। इसे जिला अदालत कहा जाता है। मान्यता है, कि यहां सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं, इसलिए कम ही लोगों को मन्नत लेकर हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट दरबार में जाना पड़ता है। चिरहुलानाथ स्वामी (जिला अदालत) का फैसला नहीं आया तो लोग रामसागर मंदिर ‘हाई कोर्ट दरबार’ में अर्जी दाखिल करते हैं। इसके बाद नंबर आता है सुप्रीम कोर्ट दरबार यानी खेमसागर मंदिर का।
यह भी पढ़ें- महाभारत काल के इस हनुमान मंदिर में कर्ण ने की थी तपस्या, आज भी नाग-नागिन का जोड़ा करता है पहरेदारी
500 वर्ष से पुराने मंदिर
इस संबंध में मंदिर के पंडित मनोज तिवारी बताते हैं कि, जब रीवा राज्य की राजधानी बसाई जा रही थी, तब चिरहुलदास महाराज ने मंदिर बनवाई थी। मंदिर 500 वर्ष से भी पुराना है।
यह भी पढ़ें- Fact Check : क्या सचमुच सिंधिया ने पायलट से कहा- भैय्या दिल्ली तक ले चलोगे क्या? ये है सच
तीनों मंदिर निश्चिंत दूरी और एक सीध में बने
2-चिरहुलानाथ मंदिर के मुख्य पुजारी प्रशांत तिवारी कहते हैं कि, कलयुग में हनुमान जी को राजा माना गया है। भक्तों की आस्था बताती है कि, आज भी हनुमान स्वामी की कृपा बरसती है।
3-चिरहुलानाथ मंदिर में 24 घंटे श्रीरामचरित मानस पाठ चलता है। हर दिन भंडारे होते हैं। विशेष अवसरों पर लाखों लोग मत्था टेकने पहुंचते हैं। तीनों मंदिरों के किनारे तालाब भी स्थापित हैं।
शिवराज कैबिनेट के मंत्री का बयान, बड़े नेताओं के बेटों को भी मिले टिकट, देखें वीडियो