चिकित्सकों ने उसका इलाज शुरू किया लेकिन कुछ देर बाद ही बच्चे की मौत हो गई। इस घटना से परिजन भड़क गए और अस्पताल के चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाने लगे। परिजन बच्चे के शव को बाहर लेकर बैठे रहे। उनका आरोप था कि चिकित्सकों ने ब्लड मंगवाया था लेकिन ब्लड उसे नहीं चढ़ाया गया। परिजन काफी देरतक अस्पताल के बाहर बैठे रहे। बाद में उनको चिकित्सकों ने समझाईश देकर शांत कराया। पीडि़त परिवार काफी गरीब था और उनके पास शव को ले जाने के लिए भी पैसे नहीं थे। फलस्वरूप लोगों ने चंदा करके शव को घर भिजवाया। बच्चे को काफी दिनों से बुखार आ रही थी और स्थानीय अस्पताल में इलाज करवाने के बाद भी उसकी हालत में सुधार नहीं हुआ।
जानलेवा हुआ मौसमी बुखार
मौसमी बुखार जानलेवा हो गया है। मौसमी बुखार काफी तेजी से फैल रहा है। बुखार आने के साथ प्लेटलेट में काफी तेजी से गिरावट होती है और मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की स्थिति बन जाती है। संजय गांधी अस्पताल में काफी संख्या में मरीज पहुंच रहे है। अभी तक तीन लोगों की अस्पताल में मौत हो चुकी है। मौसमी बुखार अब जानलेवा बनता जा रहा है।