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फर्जी बैंक गारंटी से बांट दिए शराब के ठेके, 7 पर FIR दर्ज

MP News : शराब दुकानों(MP liquor scam) के लाइसेंस जारी करने में फर्जी बैंक गारंटी का सहारा लेने से जुड़े मामले में सात आरोपियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई ईओडब्ल्यू भोपाल की ओर से की गई है।

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रीवा

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Avantika Pandey

Mar 29, 2025

3200 करोड़ के शराब घोटाले में बड़ा एक्शन, सिंडिकेट बनाने वाले आरोपी अब EOW की गिरफ्त में...(photo-patrika)

3200 करोड़ के शराब घोटाले में बड़ा एक्शन, सिंडिकेट बनाने वाले आरोपी अब EOW की गिरफ्त में...(photo-patrika)

MP News : शराब दुकानों(MP liquor scam) के लाइसेंस जारी करने में फर्जी बैंक गारंटी का सहारा लेने से जुड़े मामले में सात आरोपियों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया है। यह कार्रवाई ईओडब्ल्यू भोपाल की ओर से की गई है। इसमें रीवा के जिला आबकारी अधिकारी के साथ मोरबा (सिंगरौली) के सहकारी बैंक का तत्कालीन शाखा प्रबंधक सहित पांच ठेकेदार भी आरोपी बनाए गए हैं।

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करीब दो साल से मामले की शिकायत की जा रही थी। शुरुआती दौर में विभाग ने ऐसे किसी भी भ्रष्टाचार से पल्ला झाड़ते हुए जांच करने से इनकार कर दिया था। सामाजिक कार्यकर्ता बीके माला ने शिकायत पहले विभाग में की, फिर संभागायुक्त से जांच की मांग उठाई। बाद में 28 जून 2023 को ईओडब्ल्यू में शिकायत की। वहां लंबी जांच के बाद प्रकरण दर्ज किया गया। मामले में यह बात सामने आइ कि रीवा के जिला आबकारी कार्यालय और जिला सहकारी बैंक शाखा मोरबा की मिलीभगत से करोड़ों की हेराफेरी की गई है।

मोरबा शाखा से जिलों के लिए बनी बैंक गारंटी

शराब ठेकेदारों(MP liquor scam) से नियमों के अनुसार बैंक गारंटी ली जाती है। इसमें वर्ष 2023-24 में लाइसेंस जारी करने के लिए जिला सहकारी बैंक शाखा मोरबा (सिंगरौली) के तत्कालीन प्रभारी शाखा प्रबंधक नागेन्द्र सिंह ने 15 करोड़ 32 लाख 23 हजार 440 रुपए की 14 फर्जी बैंक गारंटी जारी की। इनमें से 9 बैंक गारंटी शराब ठेकेदारों को दी गईं, जिनका इस्तेमाल उन्होंने रीवा, सिंगरौली, उमरिया और सतना जिलों में शराब ठेकों के लाइसेंस प्राप्त करने के लिए किया।

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मध्य प्रदेश शासन की आबकारी नीति के अनुसार, शराब ठेकों के लिए बैंक गारंटी किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र के अनुसूचित व्यावसायिक बैंक या निजी क्षेत्र के बैंक से जारी की जा सकती थी। लेकिन, इस मामले में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक द्वारा जारी बैंक गारंटी को स्वीकार किया गया।

इन आरोपियों पर दर्ज हुआ प्रकरण

ईओडब्ल्यू ने जांच के बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 120 बी (आपराधिक षडयंत्र) और भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम 2018 की धारा 7 (सी) के तहत मामला दर्ज किया है। प्रमुख आरोपियों में सहकारी बैंक के मोरबा(सिंगरौली) शाखा के तत्कालीन प्रबंधक नागेन्द्र सिंह, रीवा के जिला आबकारी अधिकारी अनिल जैन, मेसर्स मां लक्ष्मी इंटरप्राइजेज हनुमना, नईगढ़ी, देवतालाब शराब दुकान समूह के नृपेन्द्र सिंह (राजू), आशा इंटरप्राइजेज इटौरा शराब दुकान समूह के अजीत सिंह, मऊगंज शराब दुकान समूह के उपेन्द्र सिंह बघेल, रायपुर कर्चुलियान शराब दुकान समूह के आदित्य प्रताप सिंह, आर्या ग्रुप समान नाका समूह के विजय बहादुर सिंह सहित अन्य को आरोपी बनाया गया है।