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लोकायुक्त छापे से जुड़े अध्यापकों को झटका, लंबित रहेगा संविलियन

शासन स्तर से जारी हुआ निर्देश...

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रीवा

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Ajit Shukla

Oct 04, 2018

Lokayukta: teacher not appointment in state education service cader

Lokayukta: teacher not appointment in state education service cader

रीवा. लोकायुक्त के छापे की विभिन्न कार्रवाई से जुड़े अध्यापकों के लिए बुरी खबर है। उद्योग मंत्री राजेंद्र शुक्ला से लेकर कलेक्टर तक से भले ही उनकी ओर से गुहार लगाई गई हो, लेकिन उन्हें फौरी तौर पर राहत नहीं मिली है। शासन स्तर के अधिकारियों ने संविलियन के तहत फिलहाल अभी लोकायुक्त से जुड़े सभी अध्यापकों की शिक्षा सेवा संवर्ग में नियुक्ति को लंबित रखने का निर्देश दिया है।

दावा-आपत्तियों का निराकरण कर जल्द आदेश जारी करने की तैयारी
शासन स्तर से मिले निर्देश के मद्देनजर स्थानीय शिक्षा अधिकारियों ने संबंधित अध्यापकों को लंबित सूची में ही शामिल रखा है। अधिकारियों के मुताबिक दावा-आपत्ति के निस्तारण के बाद पात्र अध्यापकों के नियुक्ति का आदेश जल्द जारी किए जाने की तैयारी की जा रही है। उसमें लोकायुक्त सहित न्यायालीयन मामलों से जुड़े अध्यापकों को शामिल नहीं किया गया है। शासन के निर्देश के मद्देनजर प्रभावित अध्यापकों की जिले में संख्या ३५० के करीब बताई जा रही है।

अध्यापक कर रहे लोकायुक्त मामले से राहत मिलने का दावा
गौरतलब है कि अध्यापकों की ओर से उन विकासखंडों के अध्यापकों को पात्र करार दिए जाने की मांग की जा रही है, जिन विकासखंडों से जुड़े लोकायुक्त मामले का न्यायालय से निर्णय हो चुका है। आजाद अध्यापक संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि रीवा, सिरमौर, गंगेव व मऊगंज विकासखंड के लोकायुक्त छापे की कार्रवाई में चयन समिति को दोषी करार दिया गया है।

उद्योग मंत्री से लेकर कलेक्टर तक से लगाई गुहार, नहीं मिली राहत
जबकि अध्यापकों पर न्यायालय की ओर से कोई कार्रवाई का निर्देश नहीं जारी किया गया है। ऐसे में अध्यापकों को संविलियन की लंबित की सूची में रखना उनके साथ अन्याय होगा। इस तर्क के साथ अध्यापकों ने उद्योग मंत्री व कलेक्टर सहित शिक्षा अधिकारियों से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा, लेकिन फौरी तौर पर उन्हें राहत नहीं मिली है।

अधिकतम दो दिन में जारी हो जाएगा आदेश
शिक्षा अधिकारियों की माने तो पात्र अध्यापकों की नियुक्ति का आदेश अधिकतम पांच सितंबर तक जारी हो जाएगा। शिक्षा अधिकारियों को शासन स्तर से भी कुछ ऐसा ही निर्देश जारी हुआ है। अधिकारियों की यह जल्दबाजी चुनाव आचार संहिता लगने के मद्देजन माना जा रहा है। अधिकारी इस फिराक में हैं आचार संहिता लगने से पहले कुछ अध्यापकों का सही नियुक्ति आदेश जारी हो जाए। ताकि कार्यवाही प्रचलन में है का हवाला देते हुए आचार संहिता लगने के बाद भी अध्यापकों की नियुक्ति कर पाना संभव हो।