
Tcs company raises on the question, will take care of the bank's business
रीवा। जिला सहकारी बैंक की कोर बैंकिंग व्यवस्था फिर टाटा कंसलटेंसी सर्विसेज(टीसीएस) को सौंपी गई है। बीते 31 दिसंबर को पांच साल का अनुबंध बैंक के साथ समाप्त हो चुका था, इस बीच नई व्यवस्था नहीं बना पाने की वजह से फिर से टीसीएस को ही कोर बैंकिंग व्यवस्था संचालित करने की जिम्मेदारी शासन ने सौंप दी है। अब आगामी साढ़े तीन साल तक उक्त कंपनी यह व्यवस्था संभालेगी। सहकारी बैंक की सभी शाखाओं के साथ ही अपेक्स बैंक की जवाबदेही उक्त कंपनी की थी।
2013 से कोरबैंकिंग संभाल रही थी टीसीएस
रीवा जिले के सहकारी बैंक की शाखाओं में 1 अप्रैल 2013 से कंपनी ने कोरबैंकिंग का सिस्टम तैयार किया था। तब से लेकर अब तक उसी के हवाले ही व्यवस्था है। 31 दिसंबर को अनुबंध समाप्त होने के बाद सरकार पर कंपनी की ओर से दबाव बनाया गया, जिसके चलते फिर से जिम्मेदारी सौंपी गई है।
24 करोड़ का घोटाला हुआ, कंपनी बनी रही अनजान
सहकारी बैंक में कोरबैंकिंग सिस्टम लागू होने के बाद से बड़ा घाटा हुआ है। करीब 24 करोड़ रुपए से अधिक का गबन सामने आया है। सीबीएस की ट्रेनिंग जिस कर्मचारी को बैंक ने दिलवाई उसने ही कोर बैंकिंग का उपयोग गलत उद्देश्य के लिए किया और अकाउंट की राशि दूसरे अकाउंट्स में अदला-बदली शुरू की। बैंक के डभौरा ब्रांच में संड्रीज अकाउंट से लगातार राशि ट्रांसफर होती रही।
हर दिन खातों के लेनदेन का हिसाब टीसीएस के सिस्टम से ही होता रहा लेकिन उक्त घपला पकड़ में नहीं आया। बैंक के आरोपी कर्मचारियों ने उसके सर्वर से ही खातों का लेनदेन से जुड़ा पुराना रिकार्ड डिलीट कर दिया और कंपनी नहीं पकड़ पाई। शिकायत किए जाने के बाद कंपनी के इंजीनियर आए और पूरे मामले का खुलासा हुआ। बैंक को २४ करोड़ रुपए से अधिक का घाटा हो चुका है।
पूर्व में आपत्ति जता चुका है बैंक
टीसीएस के काम को लेकर जिला सहकारी बैंक प्रबंधन ने पहले भी शिकायत दर्ज कराई थी। इसके लिए पत्र भी लिखे गए थे लेकिन उस दौरान शासन ने पत्रों को कोई तरजीह नहीं दी। गत दिवस रीवा सहित प्रदेश के सभी 38 जिलों के सहकारी बैंकों के सीईओ को भोपाल बुलाया गया था, जहां पर भी पूर्व में लापरवाही पूर्वक किए गए कार्यों के बारे में जानकारी दी गई है। साथ ही कहा गया है कि पहले भी पत्र भेजे गए थे।
घोटाले में भूमिका परीक्षण का निर्देश
सहकारिता आयुक्त ने शिकायत मिलने के बाद बैंक सीईओ को पत्र लिखकर निर्देशित किया है कि कोर बैंकिंग व्यवस्था की देखरेख कर ही टीसीएस ने घपले को नहीं पकड़ा, इस कारण उसकी भूमिका परीक्षण किया जाए। इस संबंध में डभौरा के थाना प्रभारी राजेन्द्र चौबे ने बताया कि बैंक के अधिकारियों ने टीसीएस के मामले में बात की थी लेकिन जिस मामले में विभाग के निर्देश आए हैं, उस पर सीआईडी जांच कर रही है। इस वजह से सीआईडी के पास जाने के लिए कहा है।
Published on:
12 Jan 2018 01:13 pm
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