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लाठी-डंडा लेकर इस कलेक्ट्रेट को सैकड़ों महिलाओं ने घेरा, अधिकारियों को नहीं सूझ रहा क्या करें

महिलाओं ने कलेक्ट्रेट गेट पर पकायी खिचड़ी, कहा- भूमि अधिकार पत्र लेने के बाद ही लौटेंगी घर, दिनभर भूमिहीन महिलाओं के मान-मनौव्वल में जुटा रहा प्रशासन

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रीवा. पांच एकड़ भूमि का पट्टा देने की मांग को लेकर लामबंद भूमिहीन महिलाएं कलेक्ट्रेट गेट पर दूसरे दिन भी डेरा डाली रहीं। ठंड में रात गुजारने के बाद मंगलवार को दिन में घर लौटने को तैयार नहीं हुईं। दूसरे दिन सुबह से लेकर शाम तक अफसर अलग-अलग दल में मनाने पहुंचे लेकिन महिलाएं मांगों को लेकर अड़ी रहीं। रात में धरना स्थल पर ही खिचड़ी पकायी और खाकर पड़ी रहीं।

धरना स्थल पर पहुंचे अपर कलेक्टर बीके पांडेय ने समझाने की कोशिश की, लेकिन महिलाओं ने दो टूक कहा, भूमि अधिकार पत्रलेकर ही घर जाएंगे।सभी तहसीलों के एसडीएम, तहसीलदारों को बुलाकर वन टू वन चर्चाकी जाए। भूमिहीन महिलाओं को आवासीय और कृषि योग्य भूमि का पांच-पांच एकड़ का पट्टा दिया जाए। महिलाओं ने कहा कि जिला प्रशासन गरीबों की समस्याओं के निराकरण को लेकर लापरवाह बना हुआ है। इससे पहले लिखित आश्वासन दिया था लेकिन तहसील स्तर पर समस्याओं का निराकरण नहीं हुआ। प्रशासन ने नियम-कायदे के तहत पट्टे की कार्यवाही का आश्वासन दिया, पर महिलाएं मानने को तैयार नहीं हुई।

आधा दर्जन बच्चे हुए बीमार
धरना स्थल पर दो दर्जन से ज्यादा महिलाएं मासूम बच्चों को लेकर प्रदर्शन कर रही हैं। मंगलवार दोपहर आधा दर्जन से ज्यादा बच्चों की तबियत बिगड़ गई।महादेवन से आयी महिला राजकुमारी ने बताया कि बेटा यस की तबियत खराब हो गई है। दीपा साकेत का बेटा रिकी, शीला का बेटा शाहिल, धवैया निवासी प्रांशू, सोनाली, सोनू साकेत सहित आधा दर्जन बच्चों की तबियत बिगड़ गई है। सूचना के बाद भी धरना स्थल पर चिकित्सक नहीं पहुंचे।

कलेक्ट्रेट का दूसरा गेट बंद किया तो निगम ने भेजा टैंकर
कलेक्ट्रेट गेट पर दो दिन से धरना दे रहीं भूमिहीन महिलाओं को पानी तक नहीं भेजा गया।स्वास्थ्य सुविधाएं तो दूर की बात है। राष्ट्रीय दलित महासभा के नेताओं की अगुवाई में मंगलवार को दोपहर नाराज महिलाएं कलेक्ट्रेट कार्यालय का दूसरा गेट (खनिज कार्यालय के सामने) बंद कर दिया। इस दौरान परिसर में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर नगर निगम के अधिकारियों से बात की तो वह गेट छोडक़र सामने के गेट पर आए।अल्टीमेटम के बाद नगर निगम के अधिकारियों ने पानी का टैंकर धरना स्थल पर भेजा।

रात में भगोने में तैयार कर लिया भोजन
मांगे पूरी न होने पर महिलाओं ने मंगलवार रात में कलेक्ट्रेट गेट के सामने ही चूल्हे पर भगोना चढ़ाया और खिचड़ी पकायी। रात १०.३० बजे बारी-बारी से सभी महिलाओं को खिचड़ी परोसी गई।धरना स्थल पर कुछ महिलाओं ने घरों से पूड़ी-सब्जी मंगा लिया था, जिनके घरों से भोजन की व्यवस्था नहीं हुई उन्हें खिचड़ी दी गई।