
Business done at shops without writing GST and registration number
बीना. जीएसटी को लागू हुए भले ही करीब ढाई वर्ष हो गए हैं, लेकिन इसके बाद भी कई लोगों ने न तो रजिस्ट्रेशन कराया तो कई लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराने के बाद भी दुकानों के बाहर इसका साइन बोर्ड नहीं लगाया है। दरअसल शासन की ओर से कुछ नियम ऐसे बनाए जाते हैं, जिनका पालन करना लोग जरूरी नहीं समझते है। व्यापारिक प्रतिष्ठानों के साइन बोर्ड पर जीएसटी नंबर और दुकान का रजिस्टे्रशन नंबर लिखने का निमय है, लेकिन शहर में न तो व्यापारी अपनी दुकानों के ऊपर लगे साइन बोर्ड पर यह नंबर लिख रहे हैं। दुकानों के साइन बोर्ड पर जीएसटीएन और रजिस्ट्रेशन नंबर नहीं लिखे होने से सामान खरीदने वाले ग्राहकों को यह पता नहीं चल पाता है कि संबंधित कारोबारी बिल के साथ टैक्स लेने का अधिकार रखता है या नहीं। करीब ढाई वर्ष बीतने के बाद भी नियमों का पालन नहीं हो पा रहा है। इसके बाद भी जीएसटी विभाग के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। कुछ समय तक लोग जीएसटी के निमय को नहीं समझ पा रहे थे, लेकिन विभाग द्वारा नियमों का पालन कराने के लिए कार्यशाला आदि से लोगों को जागरूक कराया, लेकिन इसके बाद भी या तो दुकानदार नियम का पालन करना नहीं चाहते हैं या फिर वह टैक्स चोरी करके सामान बेच रहे हैं।
नियम तोडऩे पर है 25 हजार की पैनाल्टी
जीएसटी नियम 18 के अनुसार प्रत्येक रजिस्टर्ड व्यक्ति को अपने साइन बोर्ड पर 15 अंकों का जीएसटी नंबर दर्शाना होगा। साथ ही व्यवसाय स्थल पर जहां पर आसानी से दिखाई दे सके रजिस्ट्रेशन नंबर भी लिखना होता है। जीएसटी एक्ट की धारा 125 के मुताबिक नियमों का उल्लंघन करने पर 25 हजार का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।
कंपोजिशन स्कीम ली तो बोर्ड पर लिखना अनिवार्य
साइन बोर्ड पर छोटे व्यापारियों को जीएसटी नंबर लिखना अनिवार्य है। साथ ही यदि कोई व्यापारी कंपोजिशन स्कीम लिए है तो यह भी बोर्ड पर लिखना अनिवार्य नहीं तो उनपर जुर्माना का प्रावधान है।
जितेन्द्र सिंह राजपूत, टैक्स एडवाइजर
Published on:
05 Feb 2020 09:09 pm
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