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भारत लौटे MP के प्रहलाद, 23 साल से थे पाकिस्तान की जेल में कैद, 2 थैले हाथ में लिये अटारी बॉर्डर से हुई एंट्री

23 साल बाद पाकिस्तान से रिहा होकर लौटे प्रहलाद, अटारी बॉर्डर से हाथ में दो थैले लेकर आए भारत, भाई को देखकर फफक-फफककर रोने लगे।

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भारत लौटे MP के प्रहलाद, 23 साल से थे पाकिस्तान की जेल में कैद, 2 थैले हाथ में लिये अटारी बॉर्डर से हुई एंट्री

सागर. मध्य प्रदेश के सागर से लापता होकर पाकिस्तान पहुंचे प्रहलाद सिंह राजूपत सोमवार को करीब 23 साल बाद पाकिस्तान की जेल से रिहा होकर भारत लौट आए हैं।सोमवार की शाम अमृतसर स्थित अटारी बॉर्डर पर पाकिस्तानी सेना ने प्रहलाद सिंह को भारतीय सेना को सौंप दिया। यहां से प्रहलाद को सागर पुलिस के साथ साथ उनके परिवार से उनके छोटे भाई वीर सिंह ने ले लिया है। फिलहाल, सरहद की कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा रही है। इसके बाद उन्हें सागर स्थित अपने घर लाया जाएगा।

अटारी बॉर्डर से भारत में आने के दौरान प्रहलाद अपने हाथों में दो थैले और कुर्ता पहनकर लौटे हैं। बॉर्डर पर जैसे ही उन्हें उनके छोटे भाई वीर सिंह ने देखा, तो दोनों एक दूसरे को देखकर फफक-फफक कर रोने लगे। क्योंकि, दोनों ने एक दूसरे को 23 साल बाद जो देखा था। फिलहाल, सरहदी प्रक्रिया पूरी करने के बाद सागर पुलिस प्रहलाद को लेकर उनके घर के लिये रवाना होगी। मंगलवार शाम तक प्रहलाद के सागर पहुंचने की उम्मीद है। बता दें कि, प्रहलाद 33 साल की उम्र में घर से लापता हुए थे और अब जब वो पाकिस्तान की जेल से लौट रहे हैं, तब उनकी उम्र 56 साल है।

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1988 से लापता हुए 2014 में आई पहली खबर

सागर जिले के ग्राम घोशी पट्टी के निवासी प्रहलाद के छोटे भाई वीर सिंह राजपूत के अनुसार, उनके बड़े भाई मानसिक रूप से कमजोर हैं। उस समय यहां उनका इलाज भी चल रहा था। इस दौरान 1998 में 33 वर्ष की आयु में वो अचानक लापता हो गए। उस समय उन्हें काफी तलाश भी किया गया। थाने में शिकायत भी दर्ज कराई गई, लेकिन उनका कहीं कोई पता नहीं चला। हालांकि, घर वालों ने उनकी उम्मीद कभी भी नहीं छोड़ी। इसी बीच, साल 2014 में उनके घर पुलिस पहुंची और प्रहलाद के संबंध में जानकारी मांगी, तब उन्हें पता चला कि, प्रहलाद पाकिस्तान की जेल में कैद है।

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दिमागी हालत ठीक नहीं थी उनकी, पता नहीं कैसे पहुंचे पाकिस्तान- वीर सिंह

वीर सिंह राजपूत के अनुसार, हमें अब तक ये पता नहीं चला कि, वो पाकिस्तान कैसे पहुंच गए, जो वहां की सेना ने उन्हें पकड़कर जेल में बंद कर दिया, तभी से वो पाकिस्तान की जेल में कैद थे। उनका पता चलने के बाद पाकिस्तान से घर लाने के लिए प्रयास शुरू किये गए। अधिकारियों से मुलाकात की और पत्र लिखकर प्रहलाद की रिहाई कराने की मांग की।

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रविवार को ही अमृतसर पहुंच गए थे छोटे भाई

आपको बता दें, प्रहलाद की रिहाई के कारण सागर पुलिस के साथ परिवार से उनके छोटे भाई वीर सिंह रविवार रात को ही अमृतसर पहुंच गए थे। यहां रात रुकने के बाद सोमवार की सुबह ही वो पुलिस के साथ अमृतसर स्थित अटारी बार्डर से करीब 10 किमी दूर भारतीय सेना के कार्यालय में रुके थे।

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