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ठंड में एक साल से कम उम्र के बच्चों में निमोनिया का खतरा बढ़ा, 15 बच्चे ऑक्सीजन सपोर्ट पर

बुजुर्गों के साथ बच्चे भी हो रहे अस्थमा का शिकार, कोरोना की तरह फैल रहे सर्दी के वायरस सागर. बढ़ती सर्दी के साथ बच्चों में ठंड के वायरस सक्रिय हो गए हैं, जो कोरोना की तरह संक्रमण फैला रहे हैं। सबसे ज्यादा चिंता 1 साल से कम उम्र के बच्चों को लेकर सामने आ रही […]

सागरJan 03, 2025 / 07:59 pm

नितिन सदाफल

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बुजुर्गों के साथ बच्चे भी हो रहे अस्थमा का शिकार, कोरोना की तरह फैल रहे सर्दी के वायरस

सागर. बढ़ती सर्दी के साथ बच्चों में ठंड के वायरस सक्रिय हो गए हैं, जो कोरोना की तरह संक्रमण फैला रहे हैं। सबसे ज्यादा चिंता 1 साल से कम उम्र के बच्चों को लेकर सामने आ रही है, जो लापरवाही के कारण निमोनिया का शिकार हो रहे हैं। मेडिकल कॉलेज के पीआइसीयू में 15 बच्चे ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में भी रोज 5-6 बच्चे निमोनिया से ग्रस्त हो रहे हैं। सर्दी का असर सिर्फ बच्चों में ही नहीं बल्कि बुजुर्ग भी अस्थमा से जूझ रहे हैं। डॉक्टर्स की मानें तो अभी वायरल संक्रमण के कारण कहे जाने वाले इन्फ्लुएंजा, पैरा इन्फ्लुएंजा वायरस के अलावा मम्प्स वायरस भी फैल रहा है जो कि बच्चों में गलसुआ बीमारी का खतरा बन रहा है।

एक्सपर्ट: कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता कारण-

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. आशीष जैन की मानें तो ठंड के कारण बच्चों में सर्दी-जुकाम, फ्लू, हाइपोथर्मिया, इन्फ्लूएंजा, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है। बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, ऐसे में वह जल्दी इसकी चपेट में आ जाते हैं, इसलिए बच्चों के खाने-पीने और गर्म कपड़ों को लेकर बेहद सावधानी बरती जानी चाहिए।

सर्दी के साथ गलसुआ रोग फैल रहा

सर्दी के संक्रमण के अलावा क्षेत्र में मम्प्स वायरस भी फैल रहा है। डॉ. आशीष जैन की मानें तो मम्प्स एक प्रकार का वायरल इन्फेक्शन है, जो लार ग्रंथियों में सूजन का कारण बन जाता है। 7-8 दिन में बीमारी खत्म हो जाती है, लेकिन कुछ केस क्रिटिकल हो जाते हैं और बच्चों को आइसीयू में शिफ्ट करना पड़ रहा है। दो दिन में गलसुआ रोग के 8-10 बच्चों का इलाज किया गया है। इसमें बच्चे सुस्त पड़ जाते हैं, झटके, उल्टी से बच्चे गंभीर हालत में पहुंच सकते हैं।

बच्चों को लेकर यह बरतें सावधानी

– गर्म खाना और गुनगुना पानी दें।
– दूध, सूप और पानी अधिक मात्रा में दें।
– दलिया, चावल, दाल, हरी पत्तेदार सब्जियां खिलाएं।
– बच्चों को पूरे बांह के कपड़े, स्वेटर, टोपी, दस्ताने और मोजे पहनाकर रखें।
– गीले कपड़े तुरंत बदलें और बच्चों को सूखा रखें।
– कोरोना की तरह फैलते मम्प्स वायरस से सतर्क रहें।
– गर्दन में अकडऩ, गाल व जबड़े में दर्द-सूजन हो तो डॉक्टर्स को दिखाएं।
– बीएमसी में अभी जनरल वार्ड खाली चल रहे हैं लेकिन पीआइसीयू वार्ड फुल है। ऐसे सीजन में लोगों को बच्चों को लेकर बेहद सावधानी बरतने की आवश्यकता है। घरों के अंदर सिगड़ी या अलाव न जलाएं इससे अस्थमा के मरीजों की दिक्कतें बढ़ जाती हैं।
डॉ. आशीष जैन, शिशु रोग विशेषज्ञ।

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