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दरअसल घटना रामनगर की है जहां भीम आर्मी का आरोप है कि इलाके में पहले से ही तनाव का माहौल है बावजूद सत्ता के दबाव में प्रशासन ने महाराणा प्रताप की जयंती पर पर जुलूस निकालने की अनुमति दे दी। भीम आर्मी का कहना है कि राजपूत समुदाय के लोग अनुमति मिलने के बाद से हाथ में हथियार लेकर शक्ति प्रदर्शन कर रहे थे। तभी विवादित स्थल पर अज्ञात बंदूकधारियों ने जिला अध्यक्ष कमल वालिया के भाई सचिन वालिया की गोली मारकर हत्या कर दी। जिसके बादसचिन को तुरंत अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सचिन की हत्या की खबर जैसे ही फैली भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं मे जिला अस्पताल को घेर लिया और प्रशासन के खिलाफ नारेजबाजी की। यह भी पढ़ें
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घटना के बाद प्रशासन की हाथ पांव फूल गए किसी अनहोनी होने से पहले इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। इतना ही नहीं आने जाने वाली गाड़ियों की सघन तलाशी ली जा रही है। साथ ही बढ़ते तनाव को देखते हुए फौरन भारी संख्या में पुलिस बल, पीएसी, आरएएफ़ को तैनात कर दिया गया और इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई।वहीं प्रदर्शन कर रहे घरवालों का कहना है कि भगवा पट्टे पहने बाइक सवारों ने सचिन पर ताबड़तोड़ गोलिया बरसा दी। परिजनों ने चार लोगों पर हत्या का आरोप लगाया है साथ ही 50 लाख के मुआवज़े की मांग की है। हालांकि पुलिस कप्तान बबलू कुमार मामले को संदिग्ध बताया हैं। उन्होंने कहा कि परिजन सही घटनास्थल नहीं बता पा रहे हैं। पूरी जांच के बाद ही मामला साफ हो पाएगा।
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आपको बता दें कि एक साल पहले भी महाराणा प्रताप की जयंती को लेकर साहरनपुर में जातीय हिंसा हुई थी। राजपुत और दलित समाज के बीच भीषण बवाल देखने को मिला था। जिसकी वजह से जान-माल का भी भारी नुकसान हुआ था। लेकिन एक सचिन वालिया की हत्या से एख बार फिर इलाके में माहौल गरमा गया है।