29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सहारनपुर में शबाना को नहीं, इस महिला प्रत्याशी को मिले जीरो वोट

शून्य वोट पाने वाली निर्मला देवी ने लड़ा था अंबेहटा नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनाव

2 min read
Google source verification
municipal election

शिवमणि त्यागी/सहारनपुर. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में पार्षद पद के लिए चुनाव लड़ी शबाना को 0 वोट नहीं मिले थे, बल्कि सहारनपुर की ही अंबेहटा नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ी निर्मला देवी को जीरो वोट मिले हैं। पत्रिका उत्तर प्रदेश की पड़ताल में यह बात सामने आई है। सहारनपुर नगर निगम के वार्ड 54 से पार्षद पद के दावेदार शबाना पत्नी इकराम ने यह दावा किया था कि उनको महज शून्य वोट मिले हैं। इसके साथ ही उन्होंने सवाल उठाया था कि उन्हें खुद उनका और उनके पति का वोट भी नहीं मिल सका। यह सवाल उठाते हुए उन्होंने ईवीएम को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की थी। लेकिन, पत्रिका की पड़ताल में यह बात साफ हो गई थी कि शबाना को शून्य वोट नहीं, बल्कि 87 वोट मिले थे। 87 वोट पाने वाली शबाना की जब यह खबर सुर्खियों में आई थी कि सहारनपुर से नगर निगम पार्षद पड़ की प्रत्याशी शबाना को शून्य वोट मिले हैं तो पत्रिका ने इस पूरे मामले की पड़ताल की और पड़ताल में यह साफ हो गया शबाना को 87 वोट मिले थे।

UP के इस शहर से BJP का विधायक और सांसद होने के बावजूद नगर पालिका पर सपा ने जमाया कब्जा

पत्रिका ने अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाया तो चौंका देने वाला तथ्य सामने आया कि सहारनपुर में पार्षद प्रत्याशी शबाना को नहीं, बल्कि अंबेहटा नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ी निर्दलीय प्रत्याशी निर्मला देवी को शून्य वोट मिले हैं। 77 वर्षीय निर्मला देवी पत्नी भगतराम अंबेहटा नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनाव मैदान में उतरी थी और इनको शून्य वोट मिले हैं। हैरान कर देने वाली बात यह है कि पूरे सहारनपुर में यह एकमात्र ऐसी प्रत्याशी हैं, जिन्हें अपना वोट भी नहीं मिल सका।

प्रेमिका की मौत के बाद 4 माह तक कब्र पर सोने वाले प्रेमी का हुआ ये हाल
तो अपना वोट भी नहीं मिल सका निर्मला को
हैरान कर देने वाली बात यह है कि अध्यक्ष पद के लिए दावा कर रही निर्मला देवी को खुद अपना वोट भी नहीं मिल सका। ऐसे में इस प्रत्याशी की सत्यता पर भी सवाल उठते हैं। जब हमने छानबीन की तो हमारी बात निर्मला देवी के सुपुत्र एडवोकेट अजीत सिंह से हुई और उन्होंने बताया कि आखिर माजरा क्या है। क्यों उनकी माता निर्मला देवी को खुद निर्मला देवी का भी वोट नहीं मिल सका। इस पर एडवोकेट अजय सिंह ने बताया कि निर्मला देवी एक डमी कैंडिडेट थी और उनकी पत्नी सपना रोहिल्ला निर्दलीय चुनाव लड़ी है। सपना को 1028 वोट मिले हैं और 1028 वोट पाकर सपना चौथे नंबर पर रही हैं। इन्होंने भाजपा और राष्ट्रीय लोकदल के प्रत्याशी को भी मात दे दी है।

BJP सरकार में BSP के जब चुने गए मेयर तो प्रमाण-पत्र देने में अधिकारी के कांपने लगे हाथ, देखें तस्वीर

यहां भाजपा को महज 80 वोट ही मिल सके हैं, जबकि राष्ट्रीय लोकदल के प्रत्याशी को 901 वोट मिले हैं। अंबेहटा नगर पंचायत की सीट कांग्रेस के खाते में गई है और यहां से कांग्रेस प्रत्याशी गुल सना पत्नी मोहम्मद इनाम को 2151 वोट मिले हैं। यहां कुल 12 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे थे और यह सीट अन्य पिछड़ा वर्ग की महिला के लिए आरक्षित थी। यहां कुल 12215 मतदाता थे और इनमें से महज 9072 मतदाताओं ने अपने मत का प्रयोग किया। इनमें से भी 457 मतदाता ठीक तरीके से बैलेट पेपर पर ठप्पा नहीं लगा सके और इनके 457 वोट निरस्त कर दिए गए।