देवबंद में अरशद मदनी से भी की मुलाकात भीम आर्मी संस्थापक चंद्रश्ोखर भले ही खुद को राजनीति से अलग बता रहे हों और अपने संगठन को राजनीतिक दल बोलने से बच रहे हों लेकिन उनके जनसमर्थन ने सियासी गलियारों में हलचल मचा रही है। उत्तर प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष इमरान मसूद से मुलाकात और उनके लिए पूरी तरफ से समर्पित होने की बात कहकर उन्होंने सपा और बसपा के खेमे में पहले ही हलचल मचा दी थी। उन्होंने देवबंद जाकर जमीयत उलमाए हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरशद मदनी से भी मुलाकात की। इसके भी सियासी मायने ही निकाले जा रहे हैं। उनके साथ आई भीड़ बसपा का ही वोट बैंक है। इससे बसपा में भी खलबली मचनी तय है। हालांकि, बसपा नेता इससे इंकार कर रहे हैं। लेकिन वह यह भी मान रहे हैं कि यह भीड़ बसपा का ही एक हिस्सा है।
मायावती कर चुकी हैं किनारा माना जा रहा है कि अगर महागठबंधन होता है और सहारनपुर से इमरान मसूद को टिकट नहीं मिलता है तो महागठबंधन को यह दांव भारी पड़ सकता है क्योंकि भीम आर्मी प्रमुख ने इमरान मसूद के लिए बैंटिंग करने की बात कही है। हालांकि, वह महागठबंधन के समर्थन का ऐलान कर चुके हैं और बसपा सुप्रीमो मायावती को बुआ कह चुके हैं लेकिन मायावती ने उनसे किनारा कर लिया है। वहीं, सीटों को लेकर भी मायावती के तेवर सख्त हैं। इतना ही नहीं वह लगातार कांग्रेस पर हमला बोल रही हैं। इसके बाद महागठबंधन पर भी सवाल उठने लगे हैं। अब अगर चंदेशखर बसपा की तरफ से मुंह मोड़ते हैं तो इसका सीधा फायदा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मिल सकता है क्योंकि बसपा का वोट बंटने से फायदा भाजपा को होगा।
यह कहा भाजपा और बसपा नेताओं ने इस बारे में जब हमने भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष जसवंत सैनी से बात की तो उनका कहना था कि पार्टी को इसका फायदा मिलेगा। हालांकि, इसका फायदा कैसे मिलेगा यह तो आने वाला समय बताएगा लेकिन इससे हमें नुकसान नहीं होगा। वहीं, बसपा के सहारनपुर जिलाध्यक्ष रिषिपाल सैनी का कहना है कि इससे उनको कोई नुकसान नहीं होगा। चंद्रशेखर के साथ में घूमने वाली भीड़ बसपा की है। वे आने वले चुनाव में बसपा को ही वोट देंगे।