scriptबड़ी खबर: उपचुनाव के नतीजों से पहले मुख्यमंत्री याेगी पर लगे गंभीर आरोप, देखें वीडियो- | Bhim army protest against CM Yogi Adityanath before by-election result | Patrika News

बड़ी खबर: उपचुनाव के नतीजों से पहले मुख्यमंत्री याेगी पर लगे गंभीर आरोप, देखें वीडियो-

locationसहारनपुरPublished: Mar 14, 2018 01:20:23 pm

Submitted by:

lokesh verma

दिल्ली से सहारनपुर पहुंची पैदल यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री याेगी आदित्यनाथ पर लगाए तानाशाही के आरोप

Saharanpur
देवबंद . हमारी आने वाली नस्ले कहेंगी जब तानाशाही आ रही थी तब आप चुप क्यों रहे। आज हम यूपी सरकार नहीं, बल्कि तानाशाही के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। यह दिल्ली से सहारनपुर पहुंची पैदल यात्रा के प्रमुख हिमांशु कुमार ने कही है। बता दें कि भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण की रिहाई की मांग को मजबूती से उठाने के लिए दिल्ली से एक पैदल यात्रा निकाली गई थी जाे बुधवार को सहारनपुर पहुंची। सहारनपुर की सीमा में प्रवेश करते ही भीम आर्मी ने देवबंद कस्बे में पत्रकारवार्ता की। इस दाैरान इन्हाेंने कहा कि सरकार तानाशाही पर उतर आई है। हाईकाेर्ट से चंद्रशेखर काे जमानत मिलने के बाद रासुका की कार्रवाई की गई आैर जानबूझकर चंद्रशेखर काे जेल की सलाखाें के पीछे रखा जा रहा है। बता दें कि चंद्रशेखर उर्फ रावण पर सहारनपुर में जातीय हिंसा भड़काने के आराेप है।
यह भी पढ़ें

बड़ी खबर: बसपा एमएलसी की बेटी का अपहरण, गिरफ्तार महिलाओं ने किया चौंकाने वाला खुलासा

राजघाट दिल्ली से सहारनपुर जेल तक पदयात्रा करते हुए अपने आपको मुज्जफरनगर निवासी बताने वाले संभावना संस्थान के हिमांशु कुमार व उनके साथी अजीत बर्मन और कृष्णा चौधरी बुधवार को दिल्ली राजघाट से पदयात्रा करते हुए देवबंद पहुंचे। यहां वे देवबंदी आलिम से भी मिले। इस दौरान उन्होंने सरकार पर तानाशाही का आरोप लगाते हुए कहा कि चंद्रशेखर को जमानत पर रिहा कर देना चाहिए। साथ ही बताया कि वे चंद्रशेखर को रिहा कराने के लिए पदयात्रा करते हुए सहारनपुर जेल तक जाएंगे।
यह भी पढ़ें

सुकमा नक्सली हमले में शहीद हुआ हापुड़ का लाल, परिजनों को सांत्वना देने उमड़ा जनसैलाब, देखें वीडियो

उन्होंने यूपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भीम आर्मी के जिन कार्यकर्ताओं को जेल में बंद करके रखा गया है अदालत ने उनको जमानत पर रिहा करने का हुक्म दिया है, लेकिन सरकार ने अदालत के फैसले को नहीं माना। ये ऐसे हालत हैं कि सरकार ने अपने आपको अदालत से ऊपर घोषित कर दिया है। इन्हाेंने यह भी कहा कि अगर सरकार अदालतों का हुक्म मानने से मना कर देती हैं तो यह एक संवैधानिक संकट खड़ा हो जाएगा। नागरिक के अधिकारों की रक्षा अदालत के जरिए होती है। अगर सरकार अदालतों का हुक्म नहीं मानेंगी ताे इसका मतलब यही है कि तानाशाही आ रही है, लेकिन लोग उसे पहचान नहीं पा रहे हैं।
यह भी पढ़ें

शगुन के लिफाफे में निकला कुछ ऐसा कि व्यापारी की जिंदगी में आ गया भूचाल, देखें वीडियो-

हिमांशु कुमार ने कहा कि हमें बेचैनी है कि लोग इस हालात का विरोध क्यों नहीं कर रहे हैं। सरकारों ने अदालतों का हुक्म मानना बंद कर दिया है। इसलिए अब हमें लगता है कि अब हम अपने स्तर से विरोध करेंगे। अगर कोई साथ आता है तो ठीक है, वर्ना भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं का हम समर्थन करेंगे। हम उनकी रिहाई की मांग करेंगे और संविधान को बचाने के लिए एक लड़ाई शुरू करेंगे। अगर हम संविधान को बचाने की कोशिश नहीं करेंगे तो हमारी आने वाली नस्लें कहेंगी कि जब तानाशाही आ रही थी तो आप चुप क्यों थे। संविधान को बचाने की लड़ाई सिर्फ दलितों की लड़ाई ही नहीं है। इसमें सबको शामिल होना चाहिए।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो