
सहारनपुर।गोरखपुर आैर फूलपुर के बाद अब पश्चिम जिले के नूरपुर विधानसभा आैर कैराना लोकसभा उपचुनाव के लिए पार्टियां प्रचार प्रसार में जुट गर्इ है। सभी प्रत्याशी से लेकर पार्टी ने उपचुनाव जीतने के लिए अपनी जान जौंख दी है। लेकिन इस बार कैराना क्षेत्र से इस वर्ग के लोगों ने अपनी मांग पूरी न होने तक उपचुनाव का बहिष्कार का एेलान कर दिया है। इससे भाजपा की मुसीबत बढ़ सकती है। इसकी वजह इस वर्ग को मुख्य रूप से भाजपा को वोटर माना जाता है। वहीं लोगों ने किसी भी राजनीतिक दल को वोट ने देने की बात कही है।
कैराना उपचुनाव का इस वर्ग ने किया बहिष्कार
आप को बता दें कि जहां एक तरफ अलग अलग दल कैराना उपचुनाव में जीत पाने के लिए अलग अलग तरह की रणनीति बनाने के साथ ही तैयारी में जुटे है। वहीं कैराना उपचुनाव में लोकसभा क्षेत्र के व्यापारियों ने इसका बहिष्कार किया है। उन्होंने बैठक कर यह फैसला लिया। उन्होंने कहा कि अगर यह मांग पूरी नहीं होती है। तो पूरा क्षेत्र का व्यापारी वर्ग कैराना उपचुनाव में किसी भी दल को वोट नहीं देगा। इसकी वजह पिछले काफी समय से उनकी मांग पूरी न होना है।
इस समस्या से जुझ रहे है व्यापारी
दरअसल कैराना क्षेत्र में व्यापारियों द्घारा उपचुनाव का बहिष्कार करने की वजह पिछले कर्इ सालों से यहां जिले में बार्इपास का निर्माण न होना है। व्यापारियों के अनुसार बार्इपास के निर्माण न होने की वजह से न तो बच्चे ही समय पर पहुंचे पाते है आैर यहां हर समय जाम की स्थिती बनी रहती है। उधर इस जगह पर अब तक कर्इ लोगों की यहां मौत हो चुकी है।व्यापारियों का कहना है कि वह इसका एेलान अपनी दुकानों पर पोस्टर लगाकर भी करेंगे। जब तक बार्इपास का निर्माण नहीं होगा। तब तक वह किसी भी चुनाव में वोट नहीं देंगे। वहीं अगर व्यापारी वर्ग वोट नहीं करता है। तो इसका सबसे ज्यादा असर भाजपा पर पड़ेगा। इसकी वजह व्यापारी वर्ग को भाजपा का वोटर माना जाना है।
Published on:
14 May 2018 02:00 pm
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